’’07 मामलों में संज्ञान’’
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने विगत दिवस के विभिन्न समाचारो पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ’07 मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा
डाॅक्टर के इंतजार में हड्डी रोगी हुये परेशान
भोपाल जिले के जय प्रकाश अस्पताल में हड्डी विभाग के डाॅक्टर के लिये मरीजों को कई घंटे इंतजार करने का मामला सामने आया है। डाॅक्टर कक्ष के बाहर ही मरीज दर्द से परेशान हो रहे थे। घंटो इंतजार के बाद भी डाॅक्टर कक्ष में नहीं आये। मरीजों के परिजनों ने बताया कि एक भी वार्ड ब्याय अस्पताल में मरीजों को ले जाने के लिये मौजूद नहीं था। परिजन खुद व्हील चेयर के सहारे मरीज को डाॅक्टर के पास लेकर जा रहे थे। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।
दोपहर तक न अफसर आते और न ही बाबू
भोपाल शहर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में अधिकारी से लेकर बाबूओ तक के लोगों का दोपहर होने के बाद भी कार्यालय में समय पर नहीं आने का मामला सामने आया है। जिससे वहां आने वाले लोगों को कई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हो रही हैं जो शहर के दूसरे कोने से आरटीाओ से संबंधित काम के लिये कार्यालय पहंुच रहे है। लेकिन स्टाफ की गैरमौजूदगी में यहां के एजेंट ही लोगों से आरटीओ से संबंधित कार्याे की डील कर रहे है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल एवं आरटीओ, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 10 दिन में जवाब मांगा है।
काॅलेज में परीक्षा देने पहुंची छात्रा का अपहरण
धार जिले में पीजी काॅलेज में परीक्षा देने आई एक छात्रा का अपहरण होने का मामला सामने आया है। एमए की छात्रा अपनी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा देने के लिये इंदौर से धार पहुंची थी। परीक्षा खत्म होने के इंतजार में कार से कुछ युवक काॅलेज की रैकी कर रहे थे। परीक्षा देने के बाद जब छात्रा बाहर निकली तो मौका देखकर बदमाशों ने छात्रा को जबरन पकड़ लिया और छात्रा का अपहरण कर कार से फरार हो गये। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, धार से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।
अस्पताल ओपीडी में नहीं मिलते डाॅक्टर
रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील क्षेत्र में स्थित सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रबंधन की लापरवाही का मामला सामने आया है। ओपीडी समय में बड़ी संख्या में मरीजों को डाॅक्टर का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि ओपीडी रूम में ताला लगा हुआ मिलता है। जिसके कारण क्षेत्र से आने वाले मरीजों को ईलाज के लिये परेशान होना पड़ रहा है। अस्पताल के कर्मचारियों का भी कोई निर्धारित शेड्यूल तय नहीं है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ, रायसेन से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही एवं सीएचसी, गैरतगंज में मरीजो की जांच/देखभाल/ईलाज के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।
जान जोखिम मे डालकर स्कूली बच्चे कर रहे सड़क पार
रायसेन जिले के सांची नगर में गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर छोटे-बडे़ भारी वाहनों के तेज रफ्तार में दौड़ने से नगरवासियों और खास करके स्कूली बच्चों को सड़क पार करने में कई मशक्कत करनी पड़ रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेज रफ्तार गाड़ीयो के बीच रोजाना स्कूली बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे है। जिससे उनकी जान को हमेशा खतरा बना हुआ है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, रायसेन से मामले की जांच कराकर सम्बन्धित राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षित स्थानों पर रोडक्रास करने की व्यवस्था के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन 15 दिन में मांगा है।
बच्चों से भरी स्कूल बस पेड़ से टकराई
सागर जिले के रहली थानाक्षेत्र के जबलपुर बायपास के पास बीते गुरूवार को बच्चो से भरी बस का पेड़ से टकराने का मामला सामने आया है। हादसे में 20 बच्चो को चोटें आई है। जानकारी के अनुसार बस चालक शराब के नशे में था, बस पहले साईकिल सवार को टक्कर मारते हुये पेड़ से जा टकराई। बस चालक और मालिक के खिलाफ रहली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, सागर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, सागर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा हे। साथ ही जिले में स्कूल बसों का संचालन स्कूल प्रबंधन की देखरेख में सख्ती से हो, जिससे स्कूल बस के ड्राॅइवर शराब पीकर बस चलाने का कार्य नहीं कर सके। यह सुनिश्चित करने के लिये ऐसे सभी स्कूलों के प्रंबधनों/संचालनकर्ताओं से लिखित में अण्डर टेकिंग प्राप्त कर उन्हे ऐसी गम्भीर त्रुटि के लिये उत्तरदायी बनाकर बच्चों के जीवन को सुरक्षित बनाया जाना सुनिश्चित कर इस संबंध में भी प्रतिवेदन मांगा है।
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