*सरकार का नहीं कोई डर नया आदेश भी बेअसर,500 डिसेबल से अधिक हो रहा है शहर में ध्वनि प्रदूषण*
*सरकार का यह था लाउडस्पीकर और डीजे को लेकर नया आदेश बजा सकेंगे सिर्फ दो ही सांउड*
विदिशा/गंज बासौदा
नरेंद्र भदोरिया
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़े जोर शोर से डी जे पर प्रतिबंध लगाने अधिकारियों को आदेश दिया था 13 दिसंबर को डीजे साउण्ड सिस्टमों एवं लाउड स्पीकर के द्वारा फैल रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर शोर कम करने के लिऐ आदेश जारी किया गया था, लेकिन नतीजा शून्य मानने कोई तैयार नहीं
परंतु महज दो महीने में नई नवेली सरकार के आदेश की हवा निकल गई। क्योंकि बिना किसी डर के जिस तरह से डीजे साउण्ड संचालकों द्वारा उनका संचालन किया जा रहा है और फुल डिसेबल में बजा कर ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है। और प्रशासन में बैठे हुऐ जिम्मेदारों का नाही दिखाई दे रहा है और नाही सुनाई दे रहा है, ऐसा लग रहा है मानो जैसे आंखें बंद कर के जिम्मेदार कानों में रुई लगा कर बैठे हुऐ हैं।
ऐसा लगता है हालात देखकर मानो जैसे कि अप्रत्यक्ष रूप मिल रहे संरक्षण में डीजे साउण्ड संचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं।
शहर में शादियों से लेकर शोभायात्राओं में 500 डेसीबल से ज्यादा शोर हो रहा है, इस के बाद भी प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है।
डीजे लाउडस्पीकर और बैंड बाजों के शोरगुल से तेज वाइब्रेशन होता है, इससे बच्चे मरीज और बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ बच्चों की परीक्षायें भी चल रही है,शाम को बारातें निकलते समय डीजे का शोर लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करता है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शपथ लेते ही कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत नया आदेश जारी किया गया था,जिसमें कहा गया था कि जुलूस जलसों में लाउडस्पीकर वाले दो स्पीकर और डीजे वाले सिर्फ दो वाक्स ही बजा सकेंगे। लेकिन 2 महीने का समय बीत जाने के बाद भी कोई भी डीजे और लाउडस्पीकर वाला इस का पालन नहीं कर रहा हैं। *कलेक्टर ने गठित किऐ थे उड़ान दस्ते*
राज्य सरकार से आदेश मिलने के बाद कलेक्टर उमाशंकर ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिये तहसीलदार उड़ान दस्ते गठित कर दिये थे। तेज आवाज में डीजे और लाउड स्पीकर बजाने वालों की मानीटरिंग करने के लिये तहसीलवार अधिकारियों जिम्मेदारी सौंप गई थी, संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को संबंधित क्षेत्र के लिये जिम्मेदार बनाया गया था। अनुभाग स्तर पर एसडीएम और जिला स्तर पर मॉनिटरिंग के लिये एडीएम को जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उड़नदस्तों का ना तो औचक निरीक्षण हो रहा है। शहर के सभी डीजे और बैंड बाजा संचालकों
को ताकीद किया गया था कि राज्य सरकार के आदेश अनुसार ध्वनि विस्तारक यंत्रों का इस्तेमाल करें,लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा सब की खुलेआम सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
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