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शनिवार, 15 मार्च 2025

मानव अधिकार उल्लंघन के ''12 मामलों में' लिया संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा गंजबासौदा का मामला भी

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष  मनोहर ममतानी एवं सदस्‍य  राजीव कुमार टंडन ने विगत दिवस के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ''12 मामलों में'' संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

पिता की बीमारी के कारण नहीं भरी फीस तो परीक्षा नहीं देने दी भोपाल

, जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान एक मामला सामने आयाजिसमें एक आवेदक ने अपने बच्‍चों की फीस जमा नहीं होने के कारण उनकी परीक्षा में नहीं बैठने देने की शिकायत लेकर पहुंचने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करोंद क्षेत्र में एक निजी स्‍कूल में आवेदक के बच्चों की फीस नहीं भरने के कारण उन्‍हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। आवेदक का कहना है कि दोनों बच्‍चों को एनीमिया हो गया थाइसके चलते उनका हमीदिया में इलाज चलाइससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थीइस कारण वह एक साल तक बच्‍चों की फीस जमा नहीं कर पाए थे। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर भोपाल से मामले की जांच कराकर शिक्षा के मौलिक अधिकारशासन की अपेक्षाओं एवं पीड़ित पक्ष की परिस्थितियों को देखते हुये की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन 15 दिनों में मांगा है।

आदिवासी मजदूर के साथ हथियारों से लैस दबंगों ने की मारपीटहालत गंभीर

  भोपाल,

 शहर के सूखी सेवनिया निवासी एक आदिवासी मजदूर के साथअज्ञात पांच दबंगों द्वारा मारपीट करने की घटना सामने आई है। हमले के बाद घायल आदिवासी मजदूर को अस्‍पताल में भर्ती कराया गयाजहां उनकी हालत गंभरी बनी हुई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टरभोपाल एवं पुलिस अधीक्षक(देहात)भोपाल से मामले की निम्न बिन्‍दुओं पर प्रतिवेदन मांगा है:-

1.       पीडित के उचित ईलाज एवं सुरक्षा,

2.       पीडित परिवार की आर्थिक स्थिति अनुसार शासन की योजनाओं के अन्‍तर्गत देय लाभ तथा

3.       घटना के आरोपीगण के विरूद्व शीघ्र अपेक्षित वैधानिक कार्यवाही एवं पीडित व परिवार की सुरक्षा के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में जबाब मांगा 

योजनाओं से वंचित मां-बेटेतीस सालों से पन्‍नी तानकर रहने को मजबूर

            विदिशा जिले के वार्ड क्रमांक 08 में रहने वाली एक मां और उनके पुत्र के सरकारी योजनाओं से वंचित रहने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मां और पुत्र दोनों नवीन बस स्‍टैण्‍ड पर पन्नी तानकर अपना जीवन

यापन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। वह 30 सालों से निवासरत है और न तो समय पर कोई खाना खाने का ठिकाना है और ना ही रहने का स्‍थान है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर विदिशा से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।

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