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गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

शराब दुकानों मे मची लूट सफेद पोश ठेकेदार के गुर्गे लूट रहे ग्राहकों को


 गंजबासौदा **

* बिना रशीद दे रहे ग्राहकों को ..

एम.आर.पी. से भी ज्यादा पर बेचने की खबर..

* गांव गांव मोहल्ले में ठेकेदार के परमानेंट ऐजेंट के बेचने की खबर ..

* बिल रशीद शासन को लगा रहे राजस्व का चूना..


*उदयपुर में खुलेआम बिक रही अबैध  शराब 


* बोतलो की पैकिंग भी खुली बैचने की खबर ..

*पुलिस और आबकारी प्रशासन बना मूक दर्शक* 

 *  बिना बेरीफिकेसन के रह रहे कर्मचारी जिनमे क ई आपराधिक होने की खबर ..?


गंजबासौदा ... 

.नगर में नगर के आसपास अधिकतर गाँवो मे शराब ठेकेदार के गुर्गों द्वारा खुलेआम शराब बेची जा रही हे यहां तक की घर पहुंच सेवा दी जाने की खबर हे ..

सूत्रो की माने तो  ठेकेदार बिना लायसेंस के शराब बिकवाने की चर्चा हे सूत्रों की माने तो  जो बाकायदा प्रशासन को जेब मे रख ठेके पर ठेके चलवाता हे जिने गुर्गे बाकायदा कंजना पठार,न ई मंडी ,सिरावदा,वेहलोट,हरदूखेड़ी, वार्ड 6 काला पठार ,प्रभा नगर, पचमा,कानीखेड़ी एवं आसपास के क्षेत्रों मे धड़ल्ले से ठेकेदार द्वारा बिकवाई जाने की सूचना हे 


क्षेत्र  मे शराब दुकानों मे लूट मची हुई है। नियम कानून की खुले आम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। 

दुकानों पर न रेट लिस्ट हे न कोई नियम बिना टाईम कभी भी खुल जाना कभी भी बंद होना आखिर किसकी शह पर ..

शासन प्रशासन के लिए चुनौती बना शराब ठेकेदार

शहर के साथ साथ पूरे जिले में जिस तरह नियम कानून को धता बता कर लूट का धंधा चल रहा है,वह शासन प्रशासन के लिये चुनौती बनती जा रही है। *अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर बेची जा रही है*

*बिल मांगने पर मिलती है धौंस* 

*बिल के नाम पर जमा दी जाती है 



 शराब आबकारी अधिनियम का खुले आम उल्लंघन हो रहा है। ऐसा  लगता है सफेद पोश ठेकेदार नियम कानून से बड़ा हो गया है,जो मनमानी पर उतारू हैं

और बड़ी बड़ी बातें करने वाला जिले का प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।सिर्फ़ छोटी मछलियों को पकड़ कर अपनी पीठ थपथपा लेता है, किन्तु सफेद पोश शराब ठेकेदार के गुर्गों द्वारा की जा रही मनमानी और लूट की जान बूझकर अनदेखी कर रहा है और शराब ठेकेदार नियम कानून को चुनौती दे रहा है। न तो किसी शराब दुकान में रेट लिस्ट है और न ही बिल दिया जा रहा है ,लोग गुहार लगा रहे हैं 

जो पुलिस और आबकारी विभाग फुटपाथ पर जीवनयापन करने वालो को धकेल कर आये दिन अपनी पीठ थपथपा रहा है ,क्या उनकी आंखों में काली पट्टी बंधी है ? या इनकी सह पर ही यह नंगा नाच हो रहा है। जिला प्रशासन को भी गुमराह कर गलत जानकारी दे रहे हैं।

क्या शराब माफिया के आगे पुलिस , प्रशासन और आबकारी विभाग नतमस्तक हो गया है यह सवाल उठने लगा है   कई बार सफेद पोश शराब ठेकेदार के गुर्गों द्वारा की जा रही लूट और गुंडागर्दी के मुद्दे को उठाया गया लेकिन   शराब माफिया को संरक्षण प्राप्त होने  दिया जा रहा है या पुलिस, प्रशासन और आबकारी सब मिलकर शराब माफिया के हांथों जनता को लुटवा रहे हैं।

कुल मिलाकर शासन प्रशासन की करनी और कथनी मे अन्तर दिखाई दे रहा है जिसका खामियाजा सत्ता पक्ष को भोगना पड़ सकता है।

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