अपराधिक गतिविधियों की खबर प्रकाशित करने पर संपादक को मिली अंजाम भुगतने की धमकी
संपादक मानसिक तनाव में जीने को मजबूर
भोपाल।
म.प्र. मे चोथे स्तंभ पर फिर प्रहार स्माल मीडियम न्यूज पेपर्स आफ ईंडिया ने की तीखी निंदा अपराधियों को प्रकरण दर्ज कर शीध्र करें पुलिस ग्रपतार
, राजधानी में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब इन्हें किसी का कोई खौफ नहीं रहा पूरे मध्यप्रदेश में गुंडे बदमाश एवं असामाजिक तत्वों का बोलबाला है जिसके चलते आज मध्य प्रदेश में कोई पत्रकार सुरक्षित नहीं है जहां भी देखा गया है जब भी किसी पत्रकार ने असामाजिक तत्वों की खबर प्रकाशित की हो तो उसके साथ हमेशा से ही अन्याय होता रहा है कई वर्षों से शासन प्रशासन से पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून लागू करने की मांग उठ रही है परंतु शासन ने आज तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा पत्रकारों को अपनी जान गवा कर या फिर प्रताड़ित होकर सहना पड़ रहा है इसके कई उदाहरण देखने को और सुनने को मिले हैं
मध्यप्रदेश की सीधी में पत्रकार को नंगा कर घंटों थाने में बिठाए रखा ऐसे ही खरगोन विदिशा जैसे जिलों में पत्रकारों को प्रताड़ित किया गया ऐसा ही एक ताजा मामला भोपाल में भी हुआ है भोपाल से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र नाजुक कलम के संपादक अनिल डोंगरे ने क्षेत्र में चल रही अपराधिक गतिविधियों को उजागर कर शासन का ध्यान आकर्षित किया जिस से कुपित होकर यहां चल रहा
गोरखधंधा करने वाले सरगना के कुछ गुंडों ने 17 एवं 18 जून रात 12:30 बजे नशे की हालत में दबिश देकर संपादक के दरवाजे में लात मारते हुए उसे बाहर बुलाया और गंदी गंदी गालियां देते हुए खबर प्रकाशित करने पर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने की धमकी दी गई जिससे संपादक साप्ताहिक समाचार पत्र नाजुक कलम अधिक मानसिक तनाव मैं अपने जीवन जीने को मजबूर युनियन
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