*सुशासन का मतलब समझाने और भ्रष्टाचारियों को 10 फुट गड्ढे में गाड़ने वाले मुख्यमंत्री से कारम डैम को लेकर कांग्रेस ने पूछे सात सवाल*
*भोपाल-
*प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के. के. मिश्रा ने गत दिनों भ्रष्टाचारियों को लेकर सुशासन का मतलब समझाने और उन्हें 10 फुट गड्ढे में गाड़ देने का आह्वान करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कारम डैम को लेकर सात सवाल पूछते हुए जानना चाहा है कि सरकार का अगला कदम उक्त विषयक भ्रष्ट राजनेताओं, नौकरशाहों और सत्ताधीशों के कलुषित गठबंधन को लेकर अब क्या होगा?*
*उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षित करने और उन्हें बचाने का भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले 15 वर्षों में निर्मित बांध,सड़कों,पुल- पुलियाओं और स्टॉप डेमो के अरबों रुपए के निर्माण ध्वस्त हो जाने के सामने आए मामलों में अब तक जांच की झूठी रस्म अदायगी के रूप में किन-किन भ्रष्टों को चिन्हित किया गया, उनके विरुद्ध कितनी एफआईआर दर्ज की गई? 10 फीट गड्ढे में गाड़ना तो दूर उन्हें संरक्षित क्यों किया गया?*
*उन्होंने कहा कि पिछले माह में एमपीआरडीसी जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं,द्वारा निर्मित मंडीदीप के कलियासोत में 529 करोड़ का ब्रिज अपने निर्माण के एक ही साल बाद ध्वस्त कैसे हो गया?क्या मुख्यमंत्री इसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे? इसी प्रकार कारम बांध में हुए बड़े भ्रष्टाचार को लेकर वे दोषियों को सार्वजनिक करने की अपेक्षा उनके बचाव में क्यों उठ खड़े हुए हैं?*
*मिश्रा ने कारम बांध को लेकर राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार करने वाले राजनेताओं नौकरशाहों और उक्त निर्माणों के निर्माणकर्ताओं के कलुषित गठबंधन को उजागर करते हुए सात यक्ष प्रश्न पूछे हैं* -
*(1) कारम बांध निर्माण को लेकर दिल्ली की जिस ब्लैक लिस्टेड एएनएस कंपनी की निर्माण की निविदा स्वीकृत हुई थी क्या उससे किए गए एमओयू में किसी और कंपनी को सब लेट किए जाने का प्रावधान था? यदि नहीं तो भाजपा कार्यकर्ता अशोक भारद्वाज की सारथी लिमिटेड कंपनी को इस बड़े महंगे निर्माण को निर्माण कार्य करने की अनुमति कैसे व किसने दी?*
*(2) प्राप्त जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट turn key के आधार पर होना सुनिश्चित था तब क्या निर्माणकर्ता द्वारा किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से बांध की डिजाइन एवं तकनीकी सहायता प्राप्त की गई थी या नहीं? बांध निर्माण के साथ संभावित बारिश से पहले जो सावधानियां बरतनी चाहिए थी वह क्यों नहीं बरती गई? यदि नहीं तो उसके लिए उत्तरदायी कौन है?*
*(3) जिस बांध की वास्तविक कीमत/ निविदा 105 करोड़ की स्वीकृत थी वह 3 गुना बढ़कर 304 करोड़ तक कैसे पहुंच गई!*
*बढ़ी हुई राशि की स्वीकृति देने वाले सक्षम अधिकारी कौन हैं? क्या वे सार्वजनिक किए जाएंगे?*
*(4) पूर्व से ब्लैक लिस्टेड जिन कंपनियों पर कृपा करते हुए उन्हें कारम बांध के निर्माण का कार्य भी सौंपा गया, जिन्हें इस बार फिर ब्लैक लिस्टेड किया गया है, मध्यप्रदेश में वे कंपनियां अभी भी कहां-कहां निर्माण कार्यों में लगी हुई हैं?*
*(5) बांध का निर्माण कर रही सब लेट कंपनी अथवा इससे जुड़ी हुई अन्य कंपनियों के कर्ता-धर्ता ओं से भाजपा के सत्ता और संगठन में काबिज़ लोगों से निकटता है या नहीं है? क्या चल रही चर्चाओं के अनुरूप मुख्यमंत्री निवास में मौजूद एक ओ एस डी के सब लेट कंपनी से वित्तीय संबंध है?*
*(6) बांध निर्माण में हुए भारी भ्रष्टाचार से अर्जित राशि के लाभार्थी कौन-कौन हैं, क्या भाजपा के अनुषांगिक संगठन सीबीआई, ईडी, ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त इस विषयक अनुसंधान करेंगे?*
*(7) वर्ष 2018 में जनता द्वारा निर्वाचित कमलनाथ सरकार ने लगभग 30,000 करोड के ई-टेंडरिंग घोटाले को उजागर करते हुए 10 अप्रैल, 2019 को ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार करने वाली कंपनियों के विरुद्ध धारा 120 बी, 420,471, आईटी एक्ट 2000 की धारा 66, भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 सहपठित धारा 12(2) के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी, उसकी जांच 40 माह बीत जाने के बाद भी उसे लेकर दिखाई देने कार्यवाही क्यों और किसके दबाव में नहीं हुई?*
*अंत में श्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद की गरिमा बनाए रखने के लिए देश के साढ़े 7 करोड़ जनता को यह बताना चाहिए कि उपरोक्त बिंदुओं पर उन्होंने क्या कार्यवाही की और क्या इसका हश्र भी वे व्यापम महा घोटाले के अनुरूप ही करना चाहते हैं?*
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