भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) में घटिया नाश्ता और भोजन मिलने से छात्राएं परेशान हैं। उनका कहना है कि मुंगोड़े इतने ठोस होते हैं कि इन्हें खाते ही दांत टूट जाएं। पूड़ियों में भी तेल अधिक रहता है। नमकीन में इल्ली निकली। इसे लेकर छात्राओं ने सबूत इकट्ठे किए। वार्डन से इसकी शिकायत की, लेकिन सुधार नहीं दिखा, तो बीते सोमवार को वे सीधे कुलपति के पास पहंुची। इसपर कुलपति ने तत्काल चीफ वार्डन, वार्डन, मेस संचालक को तलब किया। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने रजिस्ट्रार, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
जलापूर्ति करने वाले आधे से अधिक ओवरहेड टैंकों को सफाई का इंतजार
भोपाल शहर में जलापूर्ति करने वाले करीब 80 ओवरहेड टैंकों में से 43 को खुद की सफाई होने का इंतजार है। पिछले बार इनकी सफाई करीब डेढ साल पहले की गई थी। बीते दो साल से कोरोना के कारण काम प्रभावित हुआ, लेकिन ओवरहेड टैंक की नियमित सफाई पर इसका असर नहीं पड़ना था। ओवरहेड टैंक की सफाई को लेकर नगर निगम की जलकार्य शाखा में 200 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं, पर निगम द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से जांच कराकर ओवरहेड टैंकों के जरिये पेयजल की सुविधा पा रहे व्यक्तियों के तत्संबंधी मौलिक/मानव अधिकारों के संरक्षण हेतु ऐसे समस्त ओवरहेड टैंकों की सफाई और उनके जरियें स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित कर एक माह में जवाब मांगा है।
पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य सेवा के लिए झेलनी पड़ रही है प्रताड़ना, स्वास्थ्य कार्ड का नहीं मिल रहा लाभ
भोपाल शहर में पदस्थ पुलिसकर्मियों के लिए सरकार द्वारा उचित इलाज की व्यवस्था नहीं की गई है। इन पुलिसकर्मियों को स्वास्थ्य कार्ड पर इलाज कराने से निजी अस्पतालों द्वारा इलाज करने से यह कहकर मना कर दिया जाता है कि इस कार्ड पर पहले से किये गये पुलिसकर्मियों के इलाज का भुगतान गृह विभाग द्वारा उन्हें आजतक नहीं किया गया है। इस वजह से अगंभीर और गंभीर बीमारी से पीड़ित पुलिसकर्मियों को इलाज नहीं मिल पा रहा। निजी अस्पताल वाले सिर्फ राजधानी में पदस्थ पुलिसकर्मियों को गृह विभाग से जारी स्वास्थ्य कार्ड पर इलाज करने से मना कर रहे है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से जांच कराकर भोपाल में पदस्थ पुलिसकर्मियों को उनकी आवश्यकता/योजना के अनुसार निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा से वंचित होने की परिस्थितियों पर उचित कार्यवाही कराकर ऐसे पुलिसकर्मियों को प्रभावी स्वास्थ्य सुविधा पाने के मौलिक/मानव अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
बच्चों ने की आवाज बुलंद - जल्द बनवा दो हमारी पुलिया
सीहोर जिले के ग्राम दुपाड़िया दांगी की काकड़ कालोनी में रहने वाले छोटे-छोटे बच्चे उनके गांव से स्कूल तक आने वाली एक सड़क पर पुलिया न होने के कारण वे बारिश सीजन के दौरान स्कूल नहीं जा पाते हैं। इन छोटे-छोटे बच्चों ने देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि उनके गांव की सड़क में पुलिया बनवा दी जाये। इसी मांग को लेकर कुछ दिनों पहले गांव की महिलाओं ने कलेक्टर सीहोर से मिलकर उन्हें ज्ञापन भी दिया था। लेकिन अब तक कोई भी मौके पर नहीं आया। तब स्कूली बच्चों ने यह मुद्दा उठाया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, सीहोर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।
समय पर एंबुलेंस नहीं आई, तो अस्पताल के गेट के बाहर महिला ने बच्चे को दिया जन्म
छिंदवाड़ा जिले के तामिया ब्लाॅक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चांवलपानी में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां प्रसव पीड़ा से कराहती एक प्रसूता को उसके परिजन इस केन्द्र में लेकर पहुंचे थे, लेकिन यहां कोई डाॅक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद नही था, गेट पर ताला लगा हुआ था। इसी बीच प्रसूता ने अस्पताल के गेट के सामने ही बच्चे को जन्म दे दिया। जानकारी मिलने पर एमपीडब्ल्यू संजय चैकसे अस्पताल पहुंचे और जच्चा-बच्चा दोनों को घर भेज दिया। बीएमओ ने केन्द्र प्रभारी को नोटिस दिया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीएमएचओ छिंदवाड़ा से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
बीते सोमवार, मंगलवार की रात उज्जैन व जावरा टोल नाके पर टोल नहीं चुकाने को लेकर भारी गुंडागर्दी हुई। यहां दो कारों में आये 10-12 लोगों ने दो घण्टों के अंतराल में पहले जावरा फिर दो घंटे बाद उज्जैन-नागदा टोल नाके पर जमकर तोड़फोड़ की और टोल कंपनी की एंबुलेंस तक को तहस-नहस कर दिया। टोल कर्मचारियों से मौके से भागकर अपनी जान बचाई व कुछ ने खुद को बूथ में बंद कर लिया, तभी वे बच पाये। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस महानिरीक्षक, उज्जैन से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।
विदिशा में बाल-विवाह रोकने पहंुची टीम को 200 लोगों ने घेरा, थाने में घुसकर बचे
विदिशा जिले के लटेरी के कोकनगांव में बीते सोमवार को बाल-विवाह पहुंची चाईल्ड लाईन की टीम को 200 से ज्यादा लोगों ने घेर लिया। इस अचानक हुई घटना से घबराई टीम ने लटेरी पुलिस थाने में जाकर अपनी जान बचाई लेकिन परिजनों थाने का घेराब कर लिया। वे देर रात तक हंगामा करते रहे। बाद में थाना प्रभारी जैसे-तैसे परिजनों को समझाकर विवाह रूकवाया। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं एसपी विदिशा से मामले की जांच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही के एवं बालिकाओं के मौलिक/मानव अधिकारों के संरक्षण हेतु की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
फरियादी बोला - आरोपी के ससुर जिला न्यायालय में हैं, इसलिए उनकी नहीं हो रही कोई सुनवाई
गुना जिले के आरोन थानांतर्गत एक युवक के साथ बीते माह पुरानी रंजिश के चलते चार लोगों ने मारपीट कर दी। इस मामले में पीड़ित/फरियादी द्वारा कई शिकायतें करने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीड़ित बीते मंगलवार को जनसुनवाई में पहंुचा और कलेक्टर को दिये आवेदन में उसने कहा कि मारपीट करने वाले एक आरोपी जितेन्द्र के ससुर जिला न्यायालय गुना में पदस्थ हैं। वे जितेन्द्र की मदद कर रहे हैं। इसी के चलते आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी गुना से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में पंद्रह दिन में जवाब मांगा है।
हाॅस्टलों में दो दिन से बंद हुआ खाना, भूखे रहे छात्र
गुना शहर के हनुमान चैराहे पर हाॅस्टल बचाओ संघर्ष समिति द्वारा मेस की सुविधा बंद करने के खिलाफ बीते मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया गया। यहां हाॅस्टल के अधीक्षक दो दिन से विद्यार्थियों के खाने की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। इस वजह से छात्रों को भूखे पेट सोने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि शिक्षा पाने के लिये जिन मूलभूत आवश्यकताओं की जरूरत है, उन्हें तक उपलब्ध कराने में सरकार नाकाम रही है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, गुना से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
तालाब में नहाने गए दो किशोरों की डूबने से हुई मौत
इंदौर जिले के डा. आम्बेडकर नगर (महू) के चोरल डैम में बीते मंगलवार को दो किशोरों के तालाब में डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। घटना के अनुसार मंगलवार को शाकिब पिता साबिर खान (16) निवासी जयपुर अपनी बुआ के लड़के अनस पिता यूसुब कुरेशी (16) निवासी वेद कालोनी महू और उसके दोस्त आसिफ से साथ चोरल डैम घूमने गये थे। तीनों तालाब के पास ही खड़े थे। इसी दौरान पैर फिसलने से अनस और शाकिब सीधे गहरे पानी में चले गये और डूबने उनकी मौत हो गई। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, इंदौर से मामले की जांच कराकर मृतकों के वैध वारिसों को देय मुआवजा राशि एवं चोरल डेम पर सुरक्षा की समुचित व्यवस्था के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में जवाब मांगा है।
मप्र मानव अधिकार आयोग 15 मई को निवाड़ी एवं 16 मई को टीकमगढ़ में जनसुनवाई करेगा
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा ’’आयोग आपके द्वार कार्यक्रम’’ के तहत मानव अधिकार के उल्लंघन से संबंधित मामलों की जिलास्तर पर सीधी जनसुनवाई की जाती है।
इसी श्रृंखला में आयोग द्वारा आगामी 15 मई 2023 (सोमवार) को जिला मुख्यालय निवाड़ी एवं 16 मई 2023 (मंगलवार) को जिला मुख्यालय टीकमगढ़ में मप्र मानव अधिकार आयोग में पहले से लम्बित मामलों एवं नये प्राप्त आवेदनों की जनसुनवाई की जायेगी। इस जनसुनवाई में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन सहित आयोग में निवाड़ी व टीकमगढ़ जिले के मानवाधिकार हनन मामलों के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी सहित आयोग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं जिलाधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
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