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मंगलवार, 2 अप्रैल 2024

पति-पत्नी सहित 12 व्यक्तियों ने लिया देहदान संकल्प

पति-पत्नी सहित 12 व्यक्तियों ने लिया देहदान  संकल्प
विदिशा,
मृत्यु के बाद अपने मृत शरीर का देहदान और नेत्रदान हो सके इसके लिए संकल्प लेने वालों की संख्या में बीते मार्च माह में बढ़ोतरी हुई है और 12 व्यक्तियों ने संकल्प पत्र भरे हैं.
समाजसेवी विकास पचौरी द्वारा देहदान - नेत्रदान एवं रक्तदान के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत जिले के जागरूक नागरिक शेरपुरा विदिशा स्थित सेवाघर आकर स्वेच्छा से देहदान एवं नेत्रदान की वसीयत लिखते हैं जिसमें यह जिक्र रहता है कि इनकी मृत्यु के बाद इनके मृत शरीर को बजाय मुक्तिधाम ले जाकर जलाकर राख करने के किसी भी मेडिकल कॉलेज में दान कर दिया जावे जिससे शरीर के अंग पीड़ित मरीजों के काम आ सकें.

 मार्च माह में यह संकल्प लेने वाले मंडी बामोरा निवासी  मनोज कुमार चौरसिया एवं उनकी धर्मपत्नी पुष्पांजलि चौरसिया, विदिशा में 
बंटी नगर निवासी दिनेश नहारिया एवं उनकी धर्मपत्नी ज्योति नहारिया के अलावा विदिशा के 
कृष्णा कॉलोनी निवासी संतोष नामदेव, पानबाग निवासी किशोर सिंह पवार, मेडिकल कॉलेज आश्रय गृह निवासी दीपक शर्मा, उदय नगर कॉलोनी निवासी महेंद्र सिंह दांगी, तिलक चौक निवासी देवी सिंह रघुवंशी,कागदीपुरा निवासी तारा देवी बंजारे, मोहनगिरी निवासी नरेंद्र कुमार अहिरवार, गुरुद्वारा के पीछे निवासरत श्रीमती निर्मल कुमार ने देहदान का संकल्प पत्र भरा है.
इस संकल्प प्रक्रिया को शेरपुरा विदिशा स्थित सेवाघर में जयंत पांचखेड़े भाऊ साहब द्वारा पूर्णत: नि:शुल्क पूरा कराया जाता है, सिर्फ दो पासपोर्ट साइज के फोटो एवं आधार कार्ड की फोटो कॉपी लाना आवश्यक है.

बीते वर्षों में अभी तक 524 व्यक्तियों द्वारा यह संकल्प पत्र भरे गए हैं एवं इन्हीं में से 18 व्यक्तियों की मृत्यु होने के बाद इनके मृत शरीर का दान अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में पूर्ण हुआ है

इसी तरह 261 व्यक्तियों ने नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा है एवं उनकी मृत्यु होने के बाद आठ व्यक्तियों का नेत्रदान पूर्ण हुआ है.

समाजसेवी विकास पचौरी ने अपील की है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए एवं पीड़ित मानवता की सेवा के लिए सभी लोग इस बारे में विचार करें कि करने के बाद राख होने से अच्छा है देहदान एवं नेत्रदान का संकल्प लेकर पीड़ित मानवता के काम आवे.

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