पेरिस जैसी सड़कों का दावा करने वाले घोषणावीरों की खोखली घोषणाएं ,आजादी के 75 साल बाद भी कुछ आदिवासी क्षेत्रों के ये हाल रास्ते में कीचड़ रोड गायब ,होने के चलते प्रसूता को अस्पताल ले जाने नहीं पहुंच सकी एम्बुलेंस, ग्यारसपुर के गंभीरिया आदिवासी गांव का मामला है आखिर बजट में करोड़ों रुपए आदिवासी विकास के नाम पर स्वीकृत होते हैं टेंडर भी होते हैं मगर काम,सबके सामने है आखिर आडिट कैसे हो जाती है जागरुक नागरिकों ने कलेक्टर महोदय से जांच की मांग की है संज्ञान लेना चाहिए
विदिशा/गंजबासौदा
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