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शनिवार, 30 अप्रैल 2022

आधुनिक भारत के खिड़की वाले डॉक्टर.. आक्तमनिर्भर ईलाज ..


 


 गंजबासौदा जिला विदिशा



शा.राजीव गांधी जन चिकित्सालय में खिड़की में से देखते हैं मरीजों को डॉक्टर साहब



चाहे गंभीर क्यों ना हो मरीज का रोग पूछ लिख देते हैं दवा



खिड़की में ना आला लगाते हैं ना धड़कन चेक करते हैं और लिख देते हैं दवाई



प्रभारी चिकित्सक बोले खिड़की में देखने के लिए नहीं है कोई नियम लूंगा संज्ञान..



एंकर-, अगर आप बीमार हैं और किसी रोग से पीड़ित हैं तो शासकीय जन चिकित्सालय में खिड़की वाले डॉक्टर साहब रोग पूछ कर दवाई लिख रहे हैं   न तो मरीज को आला लगाते हैं ना ही उनकी नब्ज पकड़ते हैं और उन्हें अस्पताल से दवाई लेने के लिए आगे बढ़ा देते हैं यह हम नहीं बल्कि कैमरे में कैद हुई कुछ तस्वीरें बोल रही हैं जन चिकित्सालय मैं आजकल मरीजों का इलाज ऐसे ही किया जा रहा है ..


 इस संबंध में जब हमने प्रभारी चिकित्सक प्रमोद दीवान की माने  तो   खिड़की में देखने के लिए कोरोना के समय देखा जाता था लेकिन अब कोरोनावायरस की कोई गाइडलाइन अभी नहीं है  फिर खिड़की में से चिकित्सक क्यों देख रहे हैं इस पर संज्ञान जरूर लूंगा



आप खिड़की में लोगों को देख रहे हैं वह किसी बिल की लाइन या बैंक की खिड़की में नहीं खड़े हुए हैं दरअसल यह शहर का राजीव गांधी जन चिकित्सालय है और यहां डॉक्टर साहब खिड़की में से ही मरीजों को देखते हैं इतना ही नहीं मरीज तकलीफ पूछ कर  दवाई भी लिख देते हैं सीने में दर्द की शिकायत पीड़ित एक व्यक्ति खिड़की के सामने डॉक्टर साहब को दिखाने खड़ा हुआ है उसके हाथ में बाकायदा पर्चा भी है डॉक्टर साहब ने देखा और पर्ची पर कुछ दवाई लिख दी लेकिन बड़ी बात तो लातूर से आला लगाकर उसकी धड़कन चेक कि नहीं उसकी नब्ज पकड़ी और   डॉक्टर साहब ने उसे इंजेक्शन लिख दिए इंजेक्शन लगवा कर मरीज को बोला गया की 2:30 बजे के बाद दवाई मिलेगी क्योंकि लंच का समय हो गया है अब मरीज को दवाई लेने के लिए अस्पताल में ढेड घंटे तक इंतजार करना पड़ा 




 हमारी टीम ने मरीज से बात की उन्होंने बताया कि डॉक्टर साहब ने दवाई लिख दी है  लंच हो गया है डेढ़ घंटे बाद  दवाई लेने के लिए रुकना पड़ेगा फिलहाल इंजेक्शन लगा दिया है


वही डॉक्टर गंभीर मरीजों को भी यहीं खिड़की से देख रहे हैं  मरीज को क्या प्रॉब्लम है मात्र कहने से डॉक्टर साहब दवाई लिख देते हैं चाहे मरीज को चक्कर आ रहे हो या कोई और समस्या हो

प्रभारी चिकित्सक प्रमोद दीवान के अनुसार  फिलहाल खिड़की पर देखने के लिए मरीज को ऐसे कोई आदेश नहीं है फिर भी इस पर संज्ञान लेकर व्यवस्थाओं ठीक की जाएगी

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