बिजली कटौती नहीं तो कर्मचारी क्यों मांग रहे सुरक्षा
सरकार बेशर्मी पर अड़ी जनता भट्टी में खड़ी: भूपेन्द्र गुप्ता
भोपाल ..
हरीश भावसार.
पूरा मध्य प्रदेश जब बिजली कटौती से हाहाकार कर रहा है। चारों तरफ 45 डिग्री की तपिश में लोग किसी तरह पंखा झल कर जिंदगी काट रहे हैं। तब भाजपा के छुटभैय्ये नेता से लेकर मंत्री तक कह रहे हैं कि कोई कटौती नहीं हो रही है। भरपूर बिजली है।
प्रदेश कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने भाजपा नेताओं के झूठ को ढीठपना बताते हुए कहा कि अखबार छाप रहे हैं कि बिजली कटौती के कारण अंधेरे में दुल्हनें बदल गईं और बिजली वापस आने पर फिरसे फेरे लेने पड़े। लेकिन सरकार अड़ी है कि कोई बिजली नहीं जा रही। कोई लोकलाज नहीं।
गुप्ता ने कहा अब तो बिजली कटौती के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारी भी सरकार को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। फिर भी सरकार और भाजपा के छुटभैय्ये नेता तक बिजली कटौती से इंकार कर रहे हैं। भुक्तभोगी जनता इस बेशर्मी से अपना सर धुन रही है।
गुप्ता ने बिजली कर्मचारियों द्वारा सुरक्षा मांगे जाने की चिट्ठी जारी करते हुए कहा कि सरकार के ढीठपने का यह खुला प्रमाण है।
गुप्ता ने सरकार से मांग की कि तत्काल बिजली की 10 घंटे आपूर्ति बहाल की जाए। हम दो हमारे दो को लाभ पहुंचाने के लिए जो शासकीय पावर प्लांट बंद रखे गए हैं, उन्हें तत्काल चालू किया जाए। सारणी, चचाई और बीरसिंहपुर में कोयले की कमी ना होने के बावजूद जानबूझकर बिजली प्लांट क्यों बंद है? सरकार को यह बताना चाहिए। एक तरफ बिजली की मारामारी है तो दूसरी तरफ सरकार ने 1000 मेगावाट बिजली सरेंडर क्यों की है? जनता को सताने के पीछे सरकार की क्या मंशा है।
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