मुरैना में 8 साल का मासूम बच्चा अपने 2 साल के छोटे भाई का शव लेकर अस्पताल में बैठा रहा। उसके पिता श्री पूजाराम जाटव बेटे का शव गांव ले जाने के लिए एंबुलेंस के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्हें घंटों तक एंबुलेंस या शव वाहन नहीं मिला। जब लोगों ने यह करुण दृश्य देखा तब सामाजिक हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने एंबुलेंस उपलब्ध कराई।
मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से जानना चाहता हूं कि आखिर क्यों मध्यप्रदेश में नियमित अंतराल पर एंबुलेंस ना मिलने के मामले सामने आते रहते हैं। कभी किसी गर्भवती स्त्री को एंबुलेंस ना मिलने से प्राण गंवाने पड़ते हैं,
तो कभी लोगों को अपने बीमार परिजन को चारपाई पर लिटाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है।
कोरोना महामारी के समय हमने देखा कि लोगों को अस्पताल नहीं मिल सका, ऑक्सीजन नहीं मिल सकी, जरूरी इंजेक्शन नहीं मिल सके। हजारों लोगों की इलाज के अभाव में मृत्यु हो गई। लेकिन उस समय भी आप लोगों की मदद करने की जगह मृत्यु और बीमारी के आंकड़े छुपाने में व्यस्त रहे।
चुनौतियों से भागने और सच्चाई को नकारने की आपकी और आपकी सरकार की यह प्रवृत्ति प्रदेश के पूरे चिकित्सा तंत्र को खोखला और संवेदनहीन करती जा रही है। मैं आपसे पुनः प्रार्थना करता हूं कि प्रदेश के मुखिया होने के नाते आप चिकित्सा तंत्र को मजबूत करिए ताकि प्रदेश की सात करोड़ जनता को आपकी लापरवाही की सजा ना भुगतनी पड़े।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें