विदिशा /जिले मे मजाक बनी हेल्पलाइन
सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज आवेदनों के निराकरण हेतु जिले में विशेष पहल करने के निर्देश कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने सोमवार को लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक के दौरान जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन की अब तक की जारी प्रदेश स्तरीय ग्रेडिंग सूची में विदिशा जिला 15वें स्थान पर है। उन्होंने टॉप-5 में शामिल हो इसके लिए विभागों के अधिकारी हर संभव पहल करे देखाा जााये तो गंजबााासोोोदा
जनपद मे सी.एम हेल्पलाईन के चार चार साल पुराने मामले लंबित है जिसमे सचिव की जांच सी.ओ.द्वारा सचिव को ही जाती है ओर फर्जी तरीके से मामले को बंद करने की कोशिश कर मुख्यमंत्री को गुमराह कर देते है अगर बासोदा जनपद मे पिछले 5 साल मे हुये शिकायतें की जांच की जाये तो 90% शिकायतें फर्जी तरीके से बंद कर दी गई ओर गरीब न्याय से बंचित रहै
आज पुनं कलेक्टर भार्गव ने कहा कि मंगलवार को जनसुनवाई कार्यक्रम क साथ-साथ सीएम हेल्पलाइन के दर्ज आवेदनों के निराकरण हेतु अनुविभाग स्तर पर विशेष शिविर आयोजित किए जाएं। इन शिविरों में संबंधित आवेदकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए हैं। उन्होंने समस्त एसडीएम से कहा कि सीएम हेल्पलाइन के आवेदनों के निराकरण कार्यों में नोडल की भूमिका का निर्वहन करते हुए ऐसे विभाग जहां ज्यादा संख्या में आवेदन लंबित हैं उनके निराकरण हेतु विशेष प्रक्रिया क्रियान्वित कराएं।
कलेक्टर भार्गव ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन के अन्तर्गत अगस्त माह के दर्ज आवेदनों का निराकरण शत-प्रतिशत कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि जिले व विभाग को निराकरण के अंक प्राप्त हो सकें। जिससे जिला व विभाग की स्थिति में सुधार परिलीक्षित हो। शेष अन्य माह के आवेदनों का निराकरण कराने पर अंकों की प्राप्ति नहीं होगी। उन्होंने बहुतायत संख्या में दर्ज आवेदन वाले विभाग नगरीय निकाय, राजस्व, उर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा व श्रम विभाग के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
निराकरण नहीं कराने वाले जनपदों के सीईओ का वेतन रोकने के निर्देश
विदिशा,
जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट ने भी सीएम हेल्पलाइन के तहत दर्ज आवेदनों के निराकरण में रूचि प्रदर्शित नहीं करने वाले जनपदों के सीईओ का वेतन रोकने के निर्देश व्हीसी समीक्षा बैठक में दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामी विकास विभाग के अन्तर्गत दर्ज आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण कराते हुए पोर्टल पर ऑनलाइन सटीक जबाव अंकित किया जाए। ऐसे आवेदन जिनका निराकरण जनपद स्तर पर संभव नहीं है। उन आवेदनों के मामलों में स्पष्ट कारणों का उल्लेख पोर्टल पर जबाव दाखिल के करने के दौरान अंकित किया
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