विद्युत वितरण कंपनी और पे 2 मोर कंपनी ने मिलीभगत से बिजली उपभोक्ताओं को लगाया करोड़ों का चूना,कांग्रेस - topstarnews

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

बुधवार, 7 दिसंबर 2022

विद्युत वितरण कंपनी और पे 2 मोर कंपनी ने मिलीभगत से बिजली उपभोक्ताओं को लगाया करोड़ों का चूना,कांग्रेस

मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी और पे 2 मोर कंपनी 
ने मिलीभगत से बिजली उपभोक्ताओं को लगाया करोड़ों का चूना,कांग्रेस
मप्र वि.वि. कपनी और पे2मोर कंपनी के कारनामे निम्नानुसार है:- म.प्र. मे लगातार मिल रही शिकायत लोक अदालतों मे राजीनामा करने के बाद भी राशि को महिनो नहीं हटाते अधिकारी कोर्ट को करते गुमराह 
ऐसा ही कांग्रेस का नया खुलासा किया वार्ता करके 
 नाम से जारी की और करोडों रूपया स्वयं के बैंक खातो में जमा कराकर अपने उपयोग में लिये। उन राशि में से कुछ राशि अंतिम तिथि में विधुत विभाग को जमा कराया और जो पैसा जानबूझ कर जमा नही किया गया वह उपभोक्ता के अलगे माह से बिल में जुड कर आया, जिसे कुछ उपभोक्ताओं द्वारा बिना अधिक जांच पड़ताल के जमा कर दिया गया। इस संबंध में संबंधितांे द्वारा बिल जमा करने वाले स्थान में जांच पड़ताल की गई जहां उनसे वर्तमान माह के बिल का पैसा लेकर पिछले माह का पैसा उक्त पैसे से चुकता कर दिया जाता था और वर्तमान देयक अगले माह के बिल में पुनः जुड़कर आ जाता था, इस प्रकार उपभोक्ताओं के साथ दोनो व्यक्तियों द्वारा विधुत देयकों की राशियों का गबन किया गया जो कि दंडनीय अपराध है। 1. पे-टू-मोर नामक कम्पनी के संचालक प्रवीण कुमार साहू एवं प्रशांत साहू पिता सुदामा प्रसाद साहू ने बिना किसी वैध अनुमति अथवा लायसेंस मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कम्पनी के अधिकारियांे से मिलीभगत करके प्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा जारी किये जाने वाले विघुत बिलों की राशि विधुत उपभोक्ताओं से 
2. शिकायतकर्ताओं द्वारा जब बिल का भ्ुागतान किया गया तो उन्हें मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कम्पनी के स्थान पर पे2मोर के नाम से रसीद प्राप्त हुई जिस पर बाकायदा ळैज् नम्बर भी अंकित था। इसके पश्चात् अगले माह के बिल में पूर्व में भुगतान किया गया बिल की राशि भी जुड़ कर आ गई, जिसकी शिकायत मध्यप्रदेश पूर्व विधुत वितरण कम्पनी के अधिकारियंों से भी की गई और बिल सुधार करने हेतु कहा गया शिकायतकर्ताओं में से कुछ के बिलों में 3-3 माह तक बकाया रकम जुड़कर आई है। इस प्रकार पे2मोर के संचालकों द्वारा शिकायतकर्ताओं जैसे कई लोगों को विधुत बिल का पैसा प्राप्त कर स्वयं पे2मोर के नाम से अपने खाते में प्राप्त कर लिया, जिसे प्राप्त करने हेतु ना तो उनको कोई विधिक अधिकारिता थी ना ही पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कम्पनी से पे2मोर का कोई लिखित अनुबंध था। वस्तुतः अगस्त 2019 तक पे2मोर नाम की कोई कम्पनी अस्तित्व में ही नहंी थी, जबकि उक्त पद्वति से पे2मोर द्वारा जनवरी 2019 से ही इस तरीके से उपभोक्ता बिलांे के राशि एकत्रित कर पे2मोर के नाम की रसीद जारी करना शुरू कर दी थी, जबकि उक्त कम्पनी का उस समय तक कोई बैंक खाता तक नहंी खुला था और जो ळैज् नम्बर पे2मोर के नाम से जारी रसीदों पर अंकित था वह जानकारी करने पर पे2मोर के नाम से दर्शित नहीं हो रहा था। 
3. पे2मोर के संचालक द्वारा विधुत उपभोक्ताओं के साथ लगातार जनवरी 2019 से लेकर मार्च 2020 तक लगातार फर्जीवाड़ा किया गया जिससे बहुत से उपभोक्ताओं को मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ा। दो तीन माह तक जमा नहंी किये जाने वाले बिल जो शिकायतकर्ताओं से संबंधित है। सूची के साथ संलग्न है। 
4. पे2मोर के संचालकद्वय ने विधुत उपभोक्ताओं के करोड़ांे रूपये प्रतिमाह की दर से गबन किये हैं। कुछ बिल जो उदाहरण स्वरूप आपके समक्ष रखे जा रहे है उनका विधुत निम्नानुसार है जिन शिकायतकर्ताआंे ने बिल अपनी जेब से दोबारा पेनल्टी सहित भरे:-
 
क्रमांक प्टत्ै छव्ण् नाम राशि
1 44446099125359 रामकृपाल पटेल 13760.00
2 1415004690 नंदराम गुप्ता 2254.00
3 1230005635 रोशन लाल बर्मन 3000.00
4 1415005691 चमेली बाई केवट 1900.00
5 1230001493 बसंत लाल 460.00
6 1415004690 गुड्डू अग्रवाल 2253.00
7 4452909525 हीरालाल विश्वकर्मा 7787.00
8 4452302234889 राजकुमार पटेल 1938.00
 
5. बिना किसी अनुबंध अथवा वैध अनुमति के पे2मोर के नाम से विधुत बिल संग्रहण कर फर्जी रसीदे जारी की गई और आम उपभोक्ता को धोके में रखकर उनके पैसे का गबन किया गया, जिसेे उन उपभोक्ताओं द्वारा कहीं सुनवाई नहीं होने पर पुनः अपनी जेब से विध्ुात बिलों का पेनल्टी सहित भुगतान किया गया। उपरोक्त तरीके से करोड़ो रूपयांे की ठगी प्रवीण साहू और प्रशांत साहू द्वारा की गई। इसकी पुुष्टि हेतु इन दोनों के उक्त अवधि के बैंक खाते की जांच की जाय तो करोड़ो रूपयांें की प्रविष्टिया उजागर होगी और गबन सामने आ जायेगा। 
6. उक्त कम्पनी पे2मोर एवं उसके संचालक प्रवीण कुमार साहू एवं प्रशांत साहू की किसी सक्षम एजेन्सी द्वारा जांच कराया जाना अति आवश्यक है उनके द्वारा बिना किसी वैघ अनुमति अथवा अनुबंध के कैसे शासकीय धन को प्राप्त किया और अपने उपयोग में लिया गया और इस संबंध में उनके समस्त दस्तावेज एवं साफ्टवेयर जिसके माध्यम से प्रवीण साहू और प्रशांत साहू विधुत बिल जमा करने का दावा करते है, जब्त किये जाना आवश्कक है। ताकि वे साक्ष्य को मिटाने का कुप्रयाय न कर पाये। इसके साथ ही उन मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विध्ुात वितरण कम्पनी के कार्यालयों के अन्दर बैठाकर विधुत बिल एकत्रित करने के अनुमति दी और इस फर्जीवाड़े मेें जिन अधिकारियों ने सहयोग किया, के विरूद्व भी कानूनी कार्यवाही की जाना चाहिये। शिकायतकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार के अन्तर्गत मप्र पू.क्षे.विधुत वितरण कम्पनी से पे2मोर व मप्र पूक्षेवि वितरण कम्पनी के आपसी संबंध के बारे में जानकारी चाही गई थी, जो कि आवेदन किये थे और जो उत्तर संबंधित विभाग द्वारा दिया गया वह नीचे दोहराया गया है। 
(अ) मिशन कम्पाउंड में दिनंाक 25/05/2022 को सूचना के अधिकार के अन्तर्गत यह जानकारी चाही गई थी कि:-
मप्र वि.वि. कंपनी ने पे2मोर को बिजल बिल जमा करने हेतु मिशन कम्पाउण्ड फूल मंडी व मढ़ाताल के आफिस के अन्दर बैठकर बिजली बिल जमा करते थे सभी आफिस में बैठकर बिल जमा करने का लायसंेस की प्रतिलिपि व सिक्योरिटी डिपोजिट की प्रतिलिपि देने का कष्ट करें। 
(ब) जिसका जबाव दिनांक 13/06/2022 को पत्र क्रमांक 325-26 के माध्यम से मप्र वि.वि. कंपनी द्वारा दिया गया कि पे2मोर को बिजली बिल जमा करने एवं सिक्योरिटी डिपाजिट संबंधित जानकारी इस कार्यालय के पास उपलब्ध नही हैं इसी तारतम्य में संभाग अन्तर्गत मिशन कम्पाउंड फूल मंडी एवं मढ़ाताल कार्यालय में पे2मोर कम्पनी के कर्मियों को बैठने के संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि पे2मेार के द्वारा संग्रहित बिजली बिल का प्रायः उपभोक्ताओं के आगामी देयक में बकाया राशि के रूप में प्रदर्शित होने की स्थिति में उत्पन्न शिकायतों की अधिकता एवं उसके संबंध में भुगतान की पुष्टि सहित निराकरण हेतु अस्थाई व्यवस्था निर्धारित रखाी गई थी जिससे उपभोक्ताओं की बिलिंग संबंधित शिकायतों पर समय से निराकरण सुनिश्चित किया जा सकें और उनकी पूर्व अवशेष देयक सुचारू रूप से स्वीकार किये जा सकें। जानकारी प्रस्तुत की गई। यहां पर यह कहना आवश्यक है कि उपरोक्त जबाब में पूर्व मप्र वि.वि. कंपनी  द्वारा उपरोक्त पे2मोर के कर्मचारियों का उनको आफिस में बैठकर जनता से बिजली बिल लेना स्वीकार किया है। 
7. उपरोक्त समस्त उत्तर से यह स्पष्ट होता है कि पे2मोर द्वारा जमा कराये बिलों में अत्याधिक गड़बड़िया आ रही थी इस बात की जानकारी म0प्र0वि0वि0क0के अधिकारियेों को भी थी किन्तु पे2मोर किस आधार पर विधुत बिल वसूली कर रही थी उनकी जानकारी शिकायतकर्ता को नहंी ंदिये जाने से यह स्पष्ट सिद्व होता है कि म0प्र0वि0वि0कम्पन के अधिकारियों का अवैध संरक्षण पे2मोर को प्राप्त हुआ था किन्तु उपरोक्त जानकारियों से यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि मप्र वि.वि. कंपनी  द्वारा पे2मोर से इस प्रकार बिल एकत्रित करने का कोई अनुबंध हुआ है अथवा नहीं या मप्र वि.वि. कंपनी  द्वारा पे2मोर को इस आशय की अनुमति अथवा लायसेंस दिया गया है अथवा नहीं अतः उपरोक्त जानकारी प्राप्त करने के लिये आवेदन सूचना के अधिकार के अन्तर्गत म0प्र0पू0वि0वि0कम्पनी कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि पे2मोर के द्वारा बिजल बिल जमा करने हेतु न कोई निविदा निकाली गई है ना तो पे2मोर को बिजली बिल जमा करने हेतु कोई लायसेंस दिया गया । जिसे सुविधा हेतु नीेचे दोहराया गया है सूचना के अधिकार के अन्तर्गत आवेदन दिनंाक 17/06/2022
8. शक्ति भवन को सूचना के अधिकार के अन्तर्गत यह जानकारी चाही गई थी कि मिशन कम्पाउंड , फूल मंडी मढ़ाताल माढ़ोताल दमोहनाका अधारताल रांझी मेडीकल और आमनपुर के कार्यालय में बैठकर पूर्व क्षेत्र वि.वि कम्पनी के आफिस में बैठकर बिजली बिल जमा करते थे इस कार्य की अनुमति के दस्तावेजो की प्रतिलिपि मांगी थी एवं पे2मोर कम्पनी के द्वारा जमा किये हुये बिल जुड़कर आ  रहे हेै इसके बाद भी लगातार पे2मोर को बिजली बिल जमा करने की अनुमति क्यों प्रदान की जाती थी एवं बिल जमा करने का लायसेंस की प्रतिलिपि एवं सिक्योरिटी डिपोजिट की प्रतिलिपि।
जिसका जबाव दिनंाक 13/07/2022 को पत्र क्रमांक 110-22 के माध्यम से मप्र वि.वि. कंपनी द्वारा दिया गया कि जिसके परिपेक्ष्य में महाप्रबंधक द्वारा संदर्भित पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक द्वारा बिजली बिल जमा करने हेतु न केाई निविदा निकाली गई है न तो पे2मोर को बिजली बिल जमा करने हेतु कोई लायसेन्स दिया गया है। 
9. उपरोक्त से स्पष्ट है कि कथित पे2मोर द्वारा फर्जी तरीके से उपभोक्ताओं से करोड़ो रूपयांे की राशि के बिल एकत्रित किये गये और उन पैसोें को स्वयं के खाते में ले कर अपने उपयोग में और शिकायत किये जाने पर भी उक्त बिलों का भुगतान नहीं किया जिससे उपभोक्ताओं को स्वयं अपने बिजली बिल के पैसे पैनाल्टी सहित जमा करने पड़े इस संबंध में शिकायकर्ता द्वारा मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कम्पनी के अधिकारियांें से उक्त फर्जीवाडे की शिकायत की किन्तु उनके द्वारा समस्त फर्जीवाड़े की जानकारी होने के पश्चात््् भी (जैसा कि मिशन कम्पाउण्ड के सूचना के अधिकार के जबाव दिनंाक 13/06/2022 पैरा क्रमांक 6 से स्पष्ट होता है ) उक्त पे2मोर अथवा उसके संचालकों के विरूद्व गैर कानूनी रूप से राशि एकत्रित करने पर कोई कार्यवाही नहीं की गई उक्त से स्पष्ट है कि पे2मोर के संचालक द्वय प्रवीण कुमार साहू एवं प्रशांत साहू द्वारा पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कम्पनी से कतिय अधिकारियों से मिली भगत कर विधुत बिल की राशि एकत्रित करने का कार्य अवैध रूप से संचालित किया गया तथा जिस प्रकार पूर्व क्षेत्र वि0वि0कम्पनी के बिल संग्रहण केन्द्रों का उपयोग आरोपित प्रवीण कुमार साहू एवं प्रशांत साहू द्वारा अपने स्टाफ को बैठाकर उनके माध्यम से विधुत बिल की राशि एकत्रित करवाकर अपनी फर्जी कम्पनी पे2मोर के नाम से उक्त बिलांें की पावती जारी की और शासन के पैसों को अपनी जेब मे रखा एवं इसका भुगतान तुरंत शासन के खाते में नहंी किया तथा उक्त राशि में से एक बड़ी रकम  का उपयोग स्वयं के निजी उपयोग में किया गया यह दण्डनीय अपराध होने के साथ साथ गंभीर जांच का विषय हैं कि उक्त कृत्य में पूर्व क्षेत्र विधुत वितरण कम्पनी के कौन से अधिकारी इस फर्जी कार्य में शामिल थे जिसके चलते प्रवीण कुमार साहू एवं प्रशांत साहू शासकीय रािश को निजी तौर पर प्राप्त करने में सफल हुये एवं उनके द्वारा यह उक्त राशियों का दुरूविनियोग किया गया।
11. इस प्रकार पे2मोर कम्पनी पूरे जबलपुर में विभिन्न स्थानों पर मप्र वि.वि. कंपनी के कार्यालयों में अपने कर्मचारी बैठाकर विध्ुात उपभोक्ताओं से विधुत बिलों की राशि एकत्रित करते थे तथा अपनी कम्पनी पे2मोर के नाम से उनकी रसीद जारी करते थे उक्त रसीद पर गलत जीएसटी नम्बर अंकित किया गया था जो कि सैल टैक्स विभाग द्वारा पे2मोर के नाम से जारी नहीं किया था। इस प्रकार से प्रवीण कुमार साहू एवं प्रशांत साहू द्वारा एक पूर्व रचित षड़यंत्र के तहत सुनियोजित तरीके से दस्तावेजांे की कूट रचना भी की गई है।
12. इसप्रकार से प्रवीण कुमार साहू एवं प्रशांत साहू द्वारा जनवरी 2019 से मार्च 2022 तक करोड़ो रूपयों की विधुत बिल की राशि उपभोक्ताओं से वसूल कर उक्त रकम को पूर्व क्षे0वि0वि0क0 के खाते से सीधे न डालकर लगातार कई महीनांे तक उसका स्वयं दुर्विनियोग किया गया तथा उक्त बिल जमा हेाने की दिनांक से बिल भ्ुागतान की अंतिम तिथि आने तक उक्त राशि का उपयोग स्वयं  के अन्य कार्यो में करते थे तथा अंतिम तिथि आने पर कुछ रकम विधुत  वितरण कम्पनी के खाते में जमा कर देते थे तथा कुछ रकम जमा नहंी की जाती थी। जो कि विभिन्न उपभोक्ताओं के अगले माह के बिल मंे जुड़ कर आ जाती थी इसमें जो भी विध्ुात उपभोक्ता अपनी शिकायत लेकर इन आरोपियांें के पास आ जाते थे उनके पिछले माह के बिल ये लोग अपनी जेब से भर देते थे अथवा उक्त शिकायत करता को पिछले बिल का पैसा वापस कर देते थे ताकि आगे विवाद न बने। इस प्रकार विध्ुात उपभोक्ताओं से विधुत बिल की राशि एकत्रित कर तुरंत जमा नही किये जाने वाली राशि करोडो में है। 
13. उपरोक्त कथनांे की पुष्टि प्रवीण कुमार साहू एवं प्रशांत साहू के बैंक खातों की जानकारी 2019 से लेकर आज तक की यादि विधि समस्त तरीके से जांच की जावें तो उनके खाते से प्रतिमाह करोड़ो रूपये का लेनदेन दृष्टिगोचर होगा जो कि मध्यप्रदेश विध्ुात वितरण कम्पनी के मद का पैसा है। और किसी भी व्यक्ति को उक्त रकम सीधे अपने खाते में डालकर अपने नाम से उक्त रकम की पावती जारी करने का अधिकार नही है। 
14. इसप्रकार इस संबंध में यह कहना आवश्यक है कि उल्लिखित समस्त जानकारी कार्यवाही हेतु म0प्र0पू0क्षे0 वि0क0 के अधिकारियों को प्रेषित की गई थी जिसकी पावती आवेदन के साथ संलग्न है किन्तु आज दिनंाक  तक उनके द्वारा आम जनता से की गई इस धोखाघड़ी के विरूद्व कोई कार्यवाही नही की गई है जिससे यह स्पष्ट होता है कि अपने विभाग के कतिपय दोषी अधिकारियों को बचाने हेतु इस मामले को ठन्डे बसते में डाल कर अपने विरूद्व समस्त साक्ष्यांे को मिटाने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। 
15. इस प्रकार गड़बड़ी के स्तर को देखते हुये यह स्पष्ट होता है कि यदि पे2मोर के द्वारा विधुत बिल जमा किये जाने साफ्टवेयर को जमा किया जाता है संचालक द्वय के खातों का निरीक्षण किया जाता है तो करोड़ो रूपयों का बेहिसाब लेनदेन उजागर होगा जो कि अवैघानिक कार्यो हेतु उपयोग किये जाने वाले कार्योे भी प्रकट करेगा। 
 
विवरण
fooj.k
 
1 Annexure-I Mission Compound 
2 Annexure-II Vijay Nagar
3 Annexure-III Uttar Sambhag
4 Annexure-IV South Sambhag
5 Annexure-V M.D. Shakti Bhawan
6 Annexure-VI Co Incroportaion 
7 Annexure-VII G.S.T. Certificate 
8 Annexure-VIII Pay2more Bill
-------------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

पेज