उज्जैन के महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश, शीघ्र दर्शन व भस्म आरती अनुमति शुल्क से प्राप्त हुई सात करोड़ 85 लाख की राशि।*
उज्जैन,
राजाधिराज भगवान महाकाल का खजाना भक्तों की भेंट से भर गया है। बीते एक माह में मंदिर समिति को गर्भगृह में प्रवेश, शीघ्र दर्शन टिकट तथा भस्म आरती अनुमति शुल्क से करीब सात करोड़ 85 लखा रुपये की आय हुई है। सशुल्क दर्शन के प्रति श्रद्धालुओं का रुझान बढ़ने से अफसर उत्साहित हैं। आने वाले दिनों में उक्त तीनों व्यवस्थाओं में सीट संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्री महाकाल महालोक बनने के बाद से लगातार दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंदिर समिति द्वारा सुगम दर्शन व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।
समिति ने सप्ताह के चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक भक्तों को गर्भगृह से निशुल्क दर्शन कराने की व्यवस्था की है। वहीं सुबह 7.30 से दोपहर 12 बजे तथा शाम 6 से रात 8 बजे तक सशुल्क दर्शन कराए जा रहे है। सुबह व शाम के इन दो स्लाट में गर्भगृह में प्रवेश के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 750 रुपये शुल्क चुकाना होता है। इसके अलावा भस्म आरती अनुमति के लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपये शुल्क निर्धारित है। श्रद्धालु आनलाइन शुल्क चुकाकर भस्म आरती अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।
*शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपये शुल्क*
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भगवान के शीघ्र दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध है। अगर भक्त भगवान महाकाल के जल्दी दर्शन करना चाहते हैं, तो वें 250 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट खरीदकर भगवान के दर्शन कर सकते हैं। इस व्यवस्था में दर्शनार्थियों को जनरल लाइन में नहीं लगना पड़ता है। समिति उन्हें विशेष द्वार से मंदिर में प्रवेश देती है और वें कम समय में भगवान महाकाल के दर्शन कर सकते हैं।
*26 मार्च से 25 अप्रैल तक प्राप्त आय*
-गर्भगृह दर्शन रसीद से प्राप्त : 2 करोड़ 90 लाख रुपये
-शीघ्र दर्शन रसीद से प्राप्त : 4 करोड 10 लाख रुपये
-भस्म आरती अनुमति से प्राप्त : 85 लाख रुपये
*और बढ़ाएंगे सुविधा*
गर्भगृह में प्रवेश के लिए बुधवार से सामान्य दर्शनार्थियों की सौ सीट बढ़ाई है। आने वाले दिनों में भक्तों के लिए और भी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
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