संपादकीय कलम से....
चुनाव विशेष समीक्षा,
मध्य प्रदेश भाजपा ने मौजूदा चुनाव विधानसभा 2023 के लिए टिकट वितरण में बाजी मारते हुए काफी समय पहले 39 नामों की अपनी पहली सूची जारी कर दी थी एवं कांग्रेस की सूची जारी होने के पूर्व ही कल रात 39 नाम की एक और सूची जारी हो गई फिर पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि केवल एक नाम की सूची अलग से जारी की गई ।
जिसे देखकर न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा के लोगों के साथ-साथ आम जनमानस भी आश्चर्यचकित रह गया क्योंकि 39 नाम की सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों के नाम भी विधानसभा चुनाव उम्मीदवार हेतु तय किए गए अब इसे भाजपा की अपना मध्य प्रदेश बचाने की रणनीति कही जाए या शिवराज सिंह की 18 साल के शासन के बाद जो मध्य प्रदेश की स्थिति है मध्य प्रदेश में हार का डर भाजपा को सता रहा है यह माना जाए क्योंकि ऐसा पहली बार देखा गया है कि किसी भी प्रदेश में एक साथ 7 मौजूदा सांसदों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया जाए सूत्रों की मानी जाए तो इनमें से नरेंद्र सिंह तोमर का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी हाई कमान ने तय किया है अब यहां बारी आती है कांग्रेस की बनी बनाई सरकार को गिरा कर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की जिन्हें वहां जाकर हमेशा विभीषण की नजरों से न सिर्फ देखा गया भरे मंच से भी उन्हीं की मौजूदगी में विभीषण नाम से पुकारा भी गया वही सिंधिया है जिनकी कांग्रेस में तूती बोलती थी और महाराज के अलावा कोई दूसरा और संबोधन नहीं था परंतु भाजपा में जाकर महाराज से भाई साहब हो गए । बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर और सिंधिया में कभी भी नहीं बनी और सिंधिया के इशारे पर कई बार नरेंद्र सिंह तोमर पर हमले किए गए अब यह दोनों क्या एक दूसरे को प्रेम कर पाएंगे देखना दिलचस्प होगा परंतु इतना तो तय है कि अब कांग्रेस को भी निश्चित ही अपनी रणनीति में परिवर्तन लाना होगा और अपने सारे बड़े नेताओं को भी चुनाव में उतरना होगा.........
मेरा पहला प्रयास ....
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