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मंगलवार, 26 सितंबर 2023

तोपों को तमंचा बना दिया मध्यप्रदेश में बोले के.के. मिश्रा कांग्रेस प्रवक्ता ..*/


*कांग्रेस की सुनिश्चित जीत से भयभीत भाजपा ने अपनी दूसरी सूची में कई तोपों को तमंचा बना दिया* 

*प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किसी का भी नाम न लेकर उक्त निर्णय का संकेत पहले ही दे दिया था* 

*प्रदेश की जनता ही वह तराजू है जो यह तय करेगी कि कौन हल्का है और कौन भारी है, यह तराजू की जिम्मेदारी है, किंतु जीत हमारी है: के.के. मिश्रा*

*भोपाल, 

*प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जारी की गई


प्रत्याशियों की दूसरी सूची पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा नेतृत्व अपनी आसन्न और सुनिश्चित पराजय को भांप चुका है,"न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी" की तर्ज पर उसने अपनी कई तोपों को तमंचा बनाकर इस सूची में शामिल कर दिया है! उन्होंने यह भी कहा कि एक सुनियोजित साजिश के तहत सोमवार को राजधानी के जंबूरी मैदान में भाजपा के संपन्न कार्यकर्ता महाकुंभ में दिये गये भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंचासीन मुख्यमंत्री सहित किसी भी नेता का नाम न लेकर इस विषयक अपना मूक संदेश पहले ही दे दिया था?* 

 मिश्रा ने कहा कि भाजपा जिस सूची को अपने कद्दावर नेता


ओं के रूप में प्रदर्शित कर रही है, वह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस की जीत को सुनिश्चित मान खुद भयाक्रांत है और इस भय का आभास प्रधानमंत्री ने अपने 51 मिनिट के भाषण में 57 मर्तबा कांग्रेस का नाम लेकर अहसास करा दिया है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि भाजपा के ही अनुसार यदि यह एक महत्वपूर्ण सूची है तो इस सूची में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का नाम न आना भी एक बहुत बड़ा संकेत है। एक सोची-समझी रणनीति के तहत भाजपा नेताओं ने तीन केंद्रीय मंत्री सहित कई सांसदों को विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाकर मौजूदा मुख्यमंत्री को प्रदेश की राजनैतिक रणभूमि में ही घेर दिया है, जो चौंकाने वाला है

 मिश्रा ने इस तथ्य से कोई भी इंकार नहीं कर सकता है कि पिछले 18 सालों में शिवराज सरकार ने मप्र को बर्बादी और बदहाली के कगार पर ला दिया है। यह बात प्रदेश की जनता के साथ-साथ भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी जान चुका है। इस लिहाज से अब* *‘‘प्रदेश की जनता ही वह तराजू है जो यह तय करेगी कि कौन हल्का है और कौन भारी है, यह तराजू की जिम्मेदारी है, किंतु जीत हमारी है।’’*

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