100 बिस्तरों वाले अस्पताल का ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र से भी बततर हालात ईलाज के नाम पर रेफर सेंटर बना चिकित्सालय
गंजबासौदा, नाम राजीव गांधी चिकित्सालय
कभी जिले जैसी सुविधाएं देने में सक्षम था चिकित्सालय
अब , ग्रामीण क्षेत्र से भी ज्यादा बेकार हालत
प्रायवेट प्रकटिस में मस्त सरकारी डाक्टर
गंजबासौदा,
नरेंद्र भदोरिया,
जोरशोर से प्रचार होता है 100 विस्तारों का हास्पिटल लोग उमीद से आते-जाते हैं ईलाज होगा लेकिन नतीजा सिफर जानकारी अनुसार लोगों की मानें तो न तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर है ओर न ही ईलाज के उपकरण भर्ती होनेवाले गंभीर रूप से मरीजों को बिना देखे ही विदिशा भोपाल रेफर कर दिया जाता है पर्चा बनाया दो दर्द के इंजेक्शन लगाये हो गया ईलाज सरकारी टाईम पर सरकारी क्वार्टर में मोटी फीस लेकर लाईन लगातार ईलाज होता है जनप्रतिनिधि मोन है अधिकारी मस्त है जनता परेशान एक्सीडेंट केसों में डायरेक्ट रेफर कर दिया जाता है न जांच न ईलाज ऐसा ही एक मामला पत्रकार नरेंद्र भदोरिया का सामने आया था घायल अवस्था में हास्पिटल पहुंचने पर उंगली फेक्चर के बाद भी डाक्टर ने बस टिंचर लगाकर भगा दिया गया नतीजा चार दिन बाद मरीज की उंगली ही काटनी पड़ी दोशी कोन ऐसे ही क ई मामले आते हैं कोई सुनवाई नहीं गंदगी आलम तो कुछ अलग ही है
सरकार को खुलेआम आंखों में धूल झोंक रहे अधिकारी जागरूक नागरिकों ने की जांच की मांग
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