रेलवे अपडाउनर्स प्रोग्रेसिव वेलफेयर एसोसिएशन
भोपाल ,
रेल यात्रियों से जुड़ी विषयों पर जन जागरूकता अभियान के माध्यम से सामाजिक सरोकार का भाव लेकर देश के समस्त सांसदगण राज्यसभा एवं लोकसभा, समस्त राज्यों के माननीय मुख्यमंत्री एवं महामहिम राज्यपाल महोदयों को लगभग 1014 पत्र लिखे पत्र में मुख्य रूप से भारतीय रेल ने कोरोना काल के उपरांत वर्ष 2021 के बाद रेल यात्रियों से जुड़ी अनेकों सुविधाओं में कई बदलाव किए हैं। इन बदलावों के परिणामस्वरूप आम जनता, निम्न वर्ग, मध्यम वर्ग के यात्रियों की सुविधाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है साथ ही मूलभूत यात्री सुविधाओं जैसे वरिष्ठ जनों को आरक्षण टिकट में छूट, पैसेंजर गाड़ियों का पुनः बहाल करना, स्लीपर कोचेस की लगातार कटौती, महिलाओं की सुरक्षा में कमी, यात्री गाड़ियों की संख्या में वृद्धि नहीं करना, सस्ते दाम पर शुद्ध पेयजल, मेमू ट्रेन का संचालन करना, जनरल कोच ट्रेनों में बढ़ाना आदि मुख्य रूप से रेलयात्रियों से जुड़ी सुविधाओं में बढ़ोतरी करने हेतु पत्र लिखे गए। इन पत्रों को मप्र कि राजधानी भोपाल के अरेरा हिल्स स्थित पोस्ट ऑफिस से स्पीड पोस्ट किए गए। एसोसिएशन कि प्रमुख मांग इस प्रकार है
1. मध्यमवर्गीय व्यक्तियों, गरीब, मजदूर, छात्रों एवं अंतरनगरीय यात्री स्टे्शनों से अप-डाउनर्स करने वाली यात्रियों को सुविधायुक्ति यात्रा हेतु 200-300 कि.मी. के बीच पैसेन्जर, मेमू-डेमू श्रेणी की इंटरसिटी रेलगाडि़यों की संख्या में वृद्धि की जावे।
2. अंतरनगरीय रेल्वे, स्टेशनों के मध्य रोजगार एवं अपनी नौकरी आदि के लिए बहुतायत मात्रा में व्यक्तियों (एम.एस.टी. पासधारक) द्वारा रेल यात्रा की जाती है, पूर्व में इस हेतु अंतरनगरीय रेल्वे स्टेशनों के मध्य् संचालित ट्रेनों में एम.एस.टी. पासधारक हेतु एक अनारक्षित डिब्बा लगाया जाता था, जिसे अब बंद कर दिया गया है। अनुरोध है कि एम.एस.टी. पासधारकों को सुविधापूर्ण यात्रा हेतु पूर्व की तरह अंतरनगरीय रेल्वे स्टेशनों के मध्य संचालित ट्रेनों में एक अनारक्षित डिब्बा लगाया जाये एवं एम.एस.टी. पासधारकों द्वारा अंतरनगरीय रेल्वे स्टेशनों पर उनके द्वारा प्रस्थान स्टेशन एवं गन्तव्य स्टेशन पर स्वयं के निजी वाहन उनके कार्य स्थल पर जाने हेतु रेल्वे पार्किंग में रखे जाते हैं। जिनका प्रतिदिन का किराया बहुत अधिक होता है। अत: एम.एस.टी. पासधारकों को उनके प्रस्थान एवं गन्तव्य रेल्वे स्टेशनों पर रियायती पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराये जाने का आग्रह है।
3. कोरोना काल में वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, पत्रकारों एवं अन्यक वर्ग के लोगों को रेल किरायें में दी जाने वाली रियायत को समाप्त कर दिया गया है। उल्ले्खनीय है कि वरिष्ठ नागरिकों के अंतर्गत बहुतायत में लगभग 30% निम्नवर्गीय जनसंख्या आती है। अत: सुझाव है कि वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, पत्रकारों एवं अन्य वर्ग के लोगों को रेल किरायें में दी जाने वाली रियायत को पुन: प्रारंभ किये जाने का आग्रह है।
4. सामान्यत: यह देखने में आया है कि त्यौहार के अवसर पर रेल्वे द्वारा 4-5 दिन पूर्व स्पेशल ट्रेनों के संचालन की घोषणा की जाती है। जिसकी पूर्णत: जानकारी जनसामान्य को नहीं हो पाती है। अत: त्यौहारों के अवसर पर ऐसी स्पेशल ट्रेनों में अत्यधिक भीड़-भाड़ के कारण यात्री असुरक्षित यात्रा हेतु विवश हो जाते हैं। सुझाव है कि त्यौहारों के अवसर पर रेल्वे विभाग द्वारा चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों की घोषणा लगभग एक माह पूर्व की जाना चाहिए एवं रेल्वे विभाग द्वारा अपने आंकलन के आधार पर जिस रूट पर अधिक मात्रा में यात्रियों द्वारा यात्रा की जाती है, उन रूट पर अधिक मात्रा में स्पेशल ट्रेनों का संचालन किये जाने का आग्रह है।
5. देश के प्रत्येक पेसेंजर, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, मेमू, डेमू ट्रेनो में महिला यात्रियों, महिला सुरक्षा के लिए रेलवे, जीआरपी, RPF, GRP की एस्कार्टिंग टीम मुस्तैदी से पुलिस की तैनाती, प्रत्येक कोच में सुरक्षाकर्मी की तैनाती करना चाहिए। वर्तमान समय में महिलाओं की सुरक्षित रेल यात्रा का विषय भी अत्यंत अति महत्वपूर्ण है। महिला यात्रियों को यात्रा के दौरान होने वाली असुविधा एवं असुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए, प्रत्येक यात्री ट्रेन में दोनों ओर एक-एक महिला आरक्षित डिब्बा लगाये जाने की व्यवस्था की जावें।
6. रेलवे द्वारा लंबी दूरी की चलने वाली सुपरफास्ट-एक्प्रेस ट्रेनों मे रैक स्टैंडर्डाइजेशन के नाम पर स्लीपर कोच की संख्या घटा दी गई हैं, एसी कोच बडी तेजी से बढाएं जा रहें हैं। पहले एक दिन के रैक में 8-9 या 10-12 स्लीपर कोच होते थे। एसी कोचों को बढाने पर ज्यादा फोकस हैं। इससे मध्यमवर्ग, गरीब तब के लोगों को इससे आर्थिक बोझ बढ रहा हैं, साथ ही स्लीपर कोच की संख्या कम होने से भयंकर भीड़ इन कोच में बढ़ गई है। इस ओर भी ध्याान दिये जाने का विशेष आग्रह है।
7. रेलवे द्वारा ICF रैक को LHB रैक में बदलकर ट्रेन संचालन के नाम पर सामान्य श्रेणी के जनरल डिब्बों को कम कर दिया है, पहले दोनों दिशाओं में 2-2 होंते थे। परन्तु वर्तमान में LHB रैक कि ट्रेन में केवल कुल 02 जनरल कोच ही बचें है। वहीं दिव्यांग और महिलाओं के कोच के स्थान पर जनरेटर कम पावर कार कोच लगाए जा रहे है । इससे आम यात्रियों, गरीब तब के लोगों को बेहद ज्यादा असुविधा हो रही है, इसलिए LHB रैक की सुपरफास्ट, एक्सप्रेस गाड़ियों में कुल 04 जनरल कोच एवं दिव्यांग, महिलाओं के LSLRD कोच लगाने का अनुरोध है। लंबी दूरी की LHB रैक से चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों में रेलवे बोर्ड के रेक मानकीकरण अनुसार ट्रेन के दोनों दिशाओं में 2-2 जनरल कोच (कुल-4 जनरल कोच) एवं दिव्यांग और महिला कोच SLRD/LHB SLRD लगाएं जाने का विनम्र अनुरोध हैं।
8. LHB रैक के स्लीपर, एसी कोच कि गुणवत्ता में सुधार करने हेतु अनुरोध हैं। टारगेट पूरा करने की होड में कोच निर्माण कारखाने गुणवत्ता पर सही ध्याान नहीं दे रहे हैं, जिससे LHB कोच में छत से पानी रिसता हैं। कोच कि सीटें, टॉयलेट, इलेक्ट्रिक वायरिंग जैसे महत्वपूर्ण फिटिंग इन कोच में सही से नहीं हो पा रही हैं। भारतीय एवं पश्चिमी शैली
इस जन जागरुकता अभियान के अंतर्गत प्रमुख रूप से एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष कमलेश सेन, उज्जैन संभागीय अध्यक्ष पंकज सोनी, भोपाल संभागीय अध्यक्ष डॉ अमित शर्मा, ग्वालियर संभाग अध्यक्ष पवन कुमार, विदिशा के अध्यक्ष अजामुद्दीन, गंजबासोदा से धर्मेंद्र कुशवाहा, ललितपुर अध्यक्ष सिद्धार्थ, एडवोकेट महेंद्र अवस्थी, मुस्तफा हुसैन, दीपक शर्मा, सुनील शर्मा, अफसर खान, सुनील सोलंकी, ओबीसी महासभा के जिला रायसेन अध्यक्ष विशाल कुशवाहा, जुल्फिकार अली, सैयद सोहेल, रवि कटिहार, इमरान खान आदी एसोसिएशन के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
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