भोपाल,
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अमानक दवायें बांटने का मामला सामने आया है। साल 2023 में स्वास्थ्य विभाग ने अमानक पाये जाने पर 28 कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि दवाओं की सप्लाई से पहले सरकारी लैब में टेस्टिंग हो तो यह स्थिति न बने। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग से प्रकरण के सम्बन्ध में की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
आॅपरेशन के बाद प्रसूताओं में बढ़ा संक्रमण
भोपाल शहर के काटजू अस्पताल और अन्य जिलों के अस्पतालों में जिन महिलाओं का आॅपरेशन से प्रसव किया गया, उनमें आॅपरेशन होने के कुछ देर बाद महिलाओं को कपकंपाती ठंड लगने, टांके में सूजन आने एवं टांके के पकने का संक्रमण फैलने का मामला सामने आया है। डाॅक्टर्स का कहना है कि जिन महिलाओं में संक्रमण बढ़ा है, उन्हें आॅब्जर्वेशन में रखा गया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर किये गये उपायो की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही दवाओ की गुणवत्ता की भी जानकारी मांगी है।
आॅपरेशन के बाद प्रसूताओं में बढ़ा संक्रमण
भोपाल शहर के काटजू अस्पताल और अन्य जिलों के अस्पतालों में जिन महिलाओं का आॅपरेशन से प्रसव किया गया, उनमें आॅपरेशन होने के कुछ देर बाद महिलाओं को कपकंपाती ठंड लगने, टांके में सूजन आने एवं टांके के पकने का संक्रमण फैलने का मामला सामने आया है। डाॅक्टर्स का कहना है कि जिन महिलाओं में संक्रमण बढ़ा है, उन्हें आॅब्जर्वेशन में रखा गया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त, स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर किये गये उपायो की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही दवाओ की गुणवत्ता की भी जानकारी मांगी है।
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