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बुधवार, 22 मई 2024

नाथ समाज हिंदू धर्म का एक अभिन्न अंग , गुरु,

नाथ समाज हिंदू धर्म का एक अभिन्न अंग है भगवान शंकर को आदिनाथ और दत्तात्रेय को आदि गुरु माना जाता है इन्हीं से चलकर नौ ‌ नाथ 84 नाथ सिद्धों की परंपरा शुरू हुई      

    गंज बासौदा- श्री श्री 1008 भगवान श्री रामदेव जी मंदिर श्री राम बासौदा दरबार में चल रही गुरु गोरखनाथ जी की संगीतमय में कथा में बताया आपने अमरनाथ, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि तीर्थ स्थानों के नाम सुने होंगे आपने भोलेनाथ, भैरवनाथ, आदि के नाम भी सुन ही होंगे साईं बाबा (शिरडी) भी नाथ योगी की परंपरा से थे गोगादेव आदि संत भी इसी परंपरा से थे तिब्बत के सिद्ध भी नाथ परंपरा से ही थे नाथों की परंपरा से 84 नाथ हुए नौ नाथों के संबंध में विधानों में मतभेद है सभी नाथ साधुओं का मुख्य स्थान हिमालय की गुफा में है नागा बाबा, नाथ बाबा और सभी कमंडल चिमटा धरण किए हुए जटाधारी बाबा शैब और शाक संप्रदाय के अनुयायी हैं। अनेकों ग्रंथों की रचना की उनका मंदिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर में स्थित है गोरक्ष के नाम पर इस जिले का नाम गोरखपुर पड़ा गोरखनाथ जी के शिष्य का नाम भैरबनाथ था जिनका उधर उद्धार माता वैष्णो देवी ने किया था पुराणों के अनुसार गुरु गोरखनाथ शिव के अवतार हैं।

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