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रविवार, 1 सितंबर 2024

प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन पर अब तक 59 पशुपालकों पर दर्ज हुई एफआईआर*

*कलेक्टर द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन पर अब तक 59 पशुपालकों पर दर्ज हुई एफआईआर*

कटनी /भोपाल 
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा  नेशनल हाइवे और जिले के अन्य व्यस्त सड़क  मार्गों  पर विचरण करते गौवंश और सड़कों में पशुओं के जमावड़े से  संभावित सड़क दुर्घटना से लोक संपत्ति, पशु हानि एवं मानव जीवन की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत  जारी   प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करने वाले 59 पशुपालकों के विरुद्ध अब तक एफ आई आर दर्ज कराई जा चुकी है। मवेशियों को खुला छोड़ने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का यह सिलसिला आगे  भी जारी रहेगा।
जिले के स्लीमनाबाद पुलिस थाना में जहां शुक्रवार 30अगस्त को 10 पशुपालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई, वहीं शनिवार 31 अगस्त की रात तक 49 और पशुपालकों पर जिले के विभिन्न पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई।इस प्रकार जिले भर में अब तक 59 पशुपालकों के विरुद्ध कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन मामले में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। 

पशुपालकों से नगरीय निकायों और पंचायतों ने आग्रह किया  है कि वे अपने मवेशियों को खुला नहीं छोड़ें, घरों में बांध कर रखें। ताकि सड़क में खड़े और बैठे जानवरों से पशु हानि एवं जनहानि नहीं हो। साथ ही कोई मवेशी भी दुर्घटना का शिकार हो कर घायल न हो।
*घायल पशु की जानकारी 1962 पर दें*
घायल पशुओं के उपचार के लिए चलित पशु चिकित्सा इकाई एंबुलेंस को  टोल फ्री नंबर 1962 पर काल किया जा सकता है। साथ ही सड़कों पर मृत पशुओं और गौवंश की सूचना जिला कंट्रोल रूम, भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण के आपातकालीन नंबर 1033 पर दीं जा सकती है। कलेक्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को नेशनल हाइवे मार्ग पर सतत पेट्रोलिंग करने के निर्देश 23 अगस्त को जारी प्रतिबंधात्मक आदेश और इसके पहले आयोजित बैठकों में समय-समय पर दे चुके हैं।
*प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन*

जिला दंडाधिकारी द्वारा बीते 23 अगस्त को
जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, संस्था अथवा पशु मालिक अपने पशुओं को खुले तौर पर सड़कों पर न छोड़े और ना ही सड़कों पर आने दें । आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय है और पशु क्रूरता अधिनियम 1960, एवं मप्र नगर पालिक अधिनियम 1956 के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है।
कलेक्टर द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में उल्लेखित है कि यदि कोई भी व्यक्ति,पशुपालक अपने गौवंश या अन्य मवेशियों को जानबूझकर अथवा उपेक्षापूर्वक सार्वजनिक सड़क अथवा स्थान पर खुला छोड़ता है ,तो संबंधित व्यक्ति,पशुपालक के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। इसी का उल्लंघन करने वाले पशुपालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का सिलसिला जारी है।


*टैग से हो रही पशुपालक की पहचान*

सड़कों पर विचरण करते मवेशियों की पहचान पशुओं में पशुपालन और डेयरी विकास विभाग द्वारा लगायें गये टैग को स्कैन कर की जा रही है। साथ ही स्थानीय जनों से पंचनामा के आधार पर भी पशु मालिक की पहचान कर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।

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