प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
जीतू पटवारी की संयुक्त पत्रकार वार्ता
2236 करोड़ की रिश्वत के मामले में अदानी ग्रुप पर
अमेरिका में अभियोग दर्ज
2236 करोड़ की रिश्वत के मामले में अदानी ग्रुप पर
अमेरिका में अभियोग दर्ज
भतीजे सहित सात लोगों पर एफआईआर दर्ज
अमेरिकी बाजार में लॉन्च किए गए 600 मिलियन डॉलर
के बांड एक दिन पूर्व रद्द
अमेरिकी बाजार में लॉन्च किए गए 600 मिलियन डॉलर
के बांड एक दिन पूर्व रद्द
भारत के गरीब निवेशों के 2 लाख 26 हजार 531 करोड रुपए डूबे
भोपाल,
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि अदानी अमेरिकी कंपनी एजयोर पावर के साथ मिलकर भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट बनाने की योजना बनाई थी। इस प्रोजेक्ट के नाम पर अमरीकन नागरिकों से लोगों से 25000 करोड़ रूपया जुटाए गए। भारत में सोलर एनर्जी का ठेका पाने के में दिक्कत आने लगी क्योंकि बिजली महंगी थी और कोई भी राज्य उस कीमत पर बिजली खरीदने के लिए तैयार नहीं था। अमेरिकी जनता से इस प्रोजेक्ट के लिए एकत्रित किए गए 25000 करोड़ में से 2236 करोड रुपए की भारत की विभिन्न सरकारों में घूस देने के प्रमाण अमेरिकी ग्रांडज्यूरी ने सही पाए हैं। जिसके आधार पर अडानी की कंपनी ने यहां पर पावर परचेज आर्डर बटोरे।
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई और मार्केट रेगुलेटर एसईसी (SEC)ने जांच की तो भारत में घूसखोरी और अमेरिकी निवेशकों से धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ और 2 साल की जांच के बाद अमेरिका की ग्रांड ज्यूरी ने अदानी को आरोपी पाया। उनके भतीजे सागर अदानी सहित उनके सहयोगियों के खिलाफ वारंट जारी किया है, 2 साल से चल रही है एफबीआई की जांच में यह भी सिद्ध हुआ है कि अडानी ने भारत के मार्केट रेगुलेटर सेबी से भी झूठ बोला। इस प्रकरण के संबंध में गुमराह किया।
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि दुनिया जानती है कि अमेरिका में रिश्वत कांड में अदानी के खिलाफ जांच भी हो गई और गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो गया, किंतु भारत में इतनी बड़ी खबर आ जाने के बाद भी ना तो इस कंपनी के खिलाफ कोई जांच शुरू हुई न सेबी ने पूछताछ की। न ही अदानी की कंपनियों के पावर परचेज ऑर्डर रद्द किए गए, जबकि भारत में भी रिश्वत मांगना एक अपराध है। रिश्वत देना एक अपराध है। क्या भारत की सरकार इस मुकदमे और जांच के आधार पर अमेरिकी सरकार से जांच के तथ्य मंगाकर भारत में भी रिश्वत और भ्रष्टाचार का मुकदमा अडानी की कंपनी पर दर्ज करेगी?
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि अदानी की कंपनी सदा से ही गुमराह करके भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को लाभ पहुंचाने का काम करती रही है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश में भी शिवराज सरकार के दौरान और मोहन सरकार के दौरान लाखों करोड़ों रुपए की निवेश के वादे करके इन सरकारों को जीवनदान देते रहने की कोशिश में अदानी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है।
श्री पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह की सरकार के दौरान लगभग 80000 करोड रुपए के निवेश करने के बादे मध्य प्रदेश में किए गए थे, जिसमें 500 करोड़ का फूड पार्क,1500 करोड़ का लॉजिस्टिक पार्क, 39000 करोड़ के नवकारिणी ऊर्जा, 15000 करोड रुपए का सिंगरौली में पावर प्लांट, 3500 करोड रुपए का सीमेंट प्लांट देवास में, और 25000 करोड़ के केन बेतवा योजना में निवेश के बाद किए गए थे इसी तरह से 75000 करोड़ के वादे उज्जैन की कान्क्लेव में किए गए हैं। देश की जनता इन कंपनियों के सरकार पोषित समर्थन और आधे अधूरे तथ्यों के आधार पर शेयर की बढ़ती हुई कीमतों के कारण उनकी कंपनियों में लगातार निवेश करता रहा है।
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि अमेरिका में वारंट जारी होने के बाद भी भारत के गरीब निवेशको के जिन्हें डिटेल निवेदक कहा जाता है एक दिन में ही 226531 करोड़ रूपया डूब गया है, जिससे गरीबों का छोटे निवेशकों का खुदरा व्यापारियों का जीवन यापन खतरे में पड़ गया है। अमेरिका में की गई इस धोखाधड़ी के कारण 600 मिलियन डॉलर के ब्रांड को अमेरिका में रिलीज किया जाना चाहिए, उन्हें भी एक दिन पहले बिक्री से अदानी कंपनी को वापस लेना पड़ा है। पूरे दुनिया में अदानी कंपनी की इस कारगुजारी के कारण भारतीय कारपोरेट जगत की प्रतिष्ठा और साख दाव पर लग गई है। प्रत्यक्ष में अदानी और उनके निवेशकों को जो घाटा हुआ है। वह अपनी जगह है, लेकिन समूचे बाजार पर इसका असर होने से देश की नामचीन और ईमानदार कंपनियां भी लाखों करोड़ों रूपयों का नुकसान उठा चुकी है।
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि इस घोटाले की जांच संसद की जेपीसी कमेटी से कराये। जिन सरकारों या अधिकारियों को 2000 करोड़ से अधिक की रिश्वत बांटी गई है। उन सरकारों को और उनके अधिकारियों को जांच के दायरे में शामिल किया जाए। अमेरिकी सरकार से जांच के तथ्यों को सजा कर रिश्वतखोरी के इस गंभीर अपराध पर भारत में भी मुकदमा दर्ज किया जाए विदित हो कि राज्य पोषण के कारण ही भारत के अंदर लोकतांत्रिक दलों को तोड़ने उनकी पार्टी के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को खरीदने से संबंधित बैठकों में भी अदानी पर सबके शामिल होने के आरोप लगाते रहे इससे प्रतीत होता है कि भारत की राजनीति को अनैतिक धन से प्रभावित करने में इनकी प्रमुख भूमिका रही है।
भोपाल,
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि अदानी अमेरिकी कंपनी एजयोर पावर के साथ मिलकर भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट बनाने की योजना बनाई थी। इस प्रोजेक्ट के नाम पर अमरीकन नागरिकों से लोगों से 25000 करोड़ रूपया जुटाए गए। भारत में सोलर एनर्जी का ठेका पाने के में दिक्कत आने लगी क्योंकि बिजली महंगी थी और कोई भी राज्य उस कीमत पर बिजली खरीदने के लिए तैयार नहीं था। अमेरिकी जनता से इस प्रोजेक्ट के लिए एकत्रित किए गए 25000 करोड़ में से 2236 करोड रुपए की भारत की विभिन्न सरकारों में घूस देने के प्रमाण अमेरिकी ग्रांडज्यूरी ने सही पाए हैं। जिसके आधार पर अडानी की कंपनी ने यहां पर पावर परचेज आर्डर बटोरे।
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई और मार्केट रेगुलेटर एसईसी (SEC)ने जांच की तो भारत में घूसखोरी और अमेरिकी निवेशकों से धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ और 2 साल की जांच के बाद अमेरिका की ग्रांड ज्यूरी ने अदानी को आरोपी पाया। उनके भतीजे सागर अदानी सहित उनके सहयोगियों के खिलाफ वारंट जारी किया है, 2 साल से चल रही है एफबीआई की जांच में यह भी सिद्ध हुआ है कि अडानी ने भारत के मार्केट रेगुलेटर सेबी से भी झूठ बोला। इस प्रकरण के संबंध में गुमराह किया।
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि दुनिया जानती है कि अमेरिका में रिश्वत कांड में अदानी के खिलाफ जांच भी हो गई और गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो गया, किंतु भारत में इतनी बड़ी खबर आ जाने के बाद भी ना तो इस कंपनी के खिलाफ कोई जांच शुरू हुई न सेबी ने पूछताछ की। न ही अदानी की कंपनियों के पावर परचेज ऑर्डर रद्द किए गए, जबकि भारत में भी रिश्वत मांगना एक अपराध है। रिश्वत देना एक अपराध है। क्या भारत की सरकार इस मुकदमे और जांच के आधार पर अमेरिकी सरकार से जांच के तथ्य मंगाकर भारत में भी रिश्वत और भ्रष्टाचार का मुकदमा अडानी की कंपनी पर दर्ज करेगी?
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि अदानी की कंपनी सदा से ही गुमराह करके भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को लाभ पहुंचाने का काम करती रही है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश में भी शिवराज सरकार के दौरान और मोहन सरकार के दौरान लाखों करोड़ों रुपए की निवेश के वादे करके इन सरकारों को जीवनदान देते रहने की कोशिश में अदानी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है।
श्री पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह की सरकार के दौरान लगभग 80000 करोड रुपए के निवेश करने के बादे मध्य प्रदेश में किए गए थे, जिसमें 500 करोड़ का फूड पार्क,1500 करोड़ का लॉजिस्टिक पार्क, 39000 करोड़ के नवकारिणी ऊर्जा, 15000 करोड रुपए का सिंगरौली में पावर प्लांट, 3500 करोड रुपए का सीमेंट प्लांट देवास में, और 25000 करोड़ के केन बेतवा योजना में निवेश के बाद किए गए थे इसी तरह से 75000 करोड़ के वादे उज्जैन की कान्क्लेव में किए गए हैं। देश की जनता इन कंपनियों के सरकार पोषित समर्थन और आधे अधूरे तथ्यों के आधार पर शेयर की बढ़ती हुई कीमतों के कारण उनकी कंपनियों में लगातार निवेश करता रहा है।
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि अमेरिका में वारंट जारी होने के बाद भी भारत के गरीब निवेशको के जिन्हें डिटेल निवेदक कहा जाता है एक दिन में ही 226531 करोड़ रूपया डूब गया है, जिससे गरीबों का छोटे निवेशकों का खुदरा व्यापारियों का जीवन यापन खतरे में पड़ गया है। अमेरिका में की गई इस धोखाधड़ी के कारण 600 मिलियन डॉलर के ब्रांड को अमेरिका में रिलीज किया जाना चाहिए, उन्हें भी एक दिन पहले बिक्री से अदानी कंपनी को वापस लेना पड़ा है। पूरे दुनिया में अदानी कंपनी की इस कारगुजारी के कारण भारतीय कारपोरेट जगत की प्रतिष्ठा और साख दाव पर लग गई है। प्रत्यक्ष में अदानी और उनके निवेशकों को जो घाटा हुआ है। वह अपनी जगह है, लेकिन समूचे बाजार पर इसका असर होने से देश की नामचीन और ईमानदार कंपनियां भी लाखों करोड़ों रूपयों का नुकसान उठा चुकी है।
श्री जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि इस घोटाले की जांच संसद की जेपीसी कमेटी से कराये। जिन सरकारों या अधिकारियों को 2000 करोड़ से अधिक की रिश्वत बांटी गई है। उन सरकारों को और उनके अधिकारियों को जांच के दायरे में शामिल किया जाए। अमेरिकी सरकार से जांच के तथ्यों को सजा कर रिश्वतखोरी के इस गंभीर अपराध पर भारत में भी मुकदमा दर्ज किया जाए विदित हो कि राज्य पोषण के कारण ही भारत के अंदर लोकतांत्रिक दलों को तोड़ने उनकी पार्टी के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को खरीदने से संबंधित बैठकों में भी अदानी पर सबके शामिल होने के आरोप लगाते रहे इससे प्रतीत होता है कि भारत की राजनीति को अनैतिक धन से प्रभावित करने में इनकी प्रमुख भूमिका रही है।
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