जब तक सड़कें रहेंगी तब तक गड्ढे रहेंगे" — मंत्री का बयान नहीं, भाजपा सरकार की असफलताओं की स्वीकारोक्ति है: जीतू पटवारी*
भोपाल,
मध्यप्रदेश की सड़कों की बदहाली और पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री राकेश सिंह के गैरजिम्मेदाराना बयान — “जब तक सड़कें रहेंगी, तब तक गड्ढे रहेंगे” — ने प्रदेश की जनता के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।
यह बयान एक मंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति की संवेदनहीनता और गैरजवाबदेही को दर्शाता है।
*🟥 प्रमुख शहरों की हालत भयावह है*
ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, इंदौर, रीवा, सतना, छिंदवाड़ा और सागर जैसे शहरों में सड़कों में नहीं, गड्ढों में सड़कें दिखती हैं। मानसून ने सड़कों की गुणवत्ता की सच्चाई उजागर कर दी है।
*🟥 भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता*
सरकार ने सड़क निर्माण और मरम्मत के नाम पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन हालात पहले से भी बदतर हैं।
एक ही सड़क को बार-बार मरम्मत के नाम पर बिल पास कर ठेकेदारों को भुगतान किया गया।
RTI और विभागीय रिपोर्टें बताती हैं कि आधे से अधिक सड़कें “खराब” या “बहुत खराब” स्थिति में हैं।
*🟥 जनता की जान खतरे में, सरकार मौन*
सड़कों की खराब हालत के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, लोग मर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्री हेलीकॉप्टर से उड़कर उद्घाटन करने में व्यस्त हैं।
जनता गिर रही है, मर रही है, लेकिन सरकार के पास कोई जवाब नहीं।
*🟥 जनता के टैक्स से भ्रष्टाचार पोषित*
श्री पटवारी का सवाल — क्या नागरिक टैक्स इसलिए देते हैं कि उनकी जान असुरक्षित हो जाए?
सरकार का कर्तव्य है कि वह सड़कों को गड्ढों से मुक्त रखे, लेकिन आज वही सरकार गड्ढों को स्थायी मान्यता देने में लगी है।
*🟥 कांग्रेस का ऐलान: संघर्ष सड़क से सदन तक*
यह लड़ाई सिर्फ सड़कों की नहीं, जनता के हक, भरोसे और जीवन की है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर गांव-गांव, शहर-शहर जाएगी।
हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक सड़कों की हालत सुधरेगी और सरकार जवाबदेह नहीं बनेगी।
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