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सोमवार, 2 मई 2022

कांग्रेस सरकार बनी तो सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन, किसान कर्ज माफी होगी बहाल कमलनाथ..

 


भोपाल..

प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक, 2023 विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार 


कमलनाथ ने वरिष्ठ नेताओं को सौंपी चुनाव के लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां 


2023 में कांग्रेस सरकार बनी तो सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन,  किसान कर्ज माफी होगी बहाल 

काग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक आज पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर आयोजित हुई। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार किया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वरिष्ठ नेताओं को 2023 चुनाव के लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी। बैठक में फैसला किया गया कि 2023 विधानसभा चुनाव के बाद अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। कमलनाथ सरकार ने किसानों के लिए जो कर्ज माफी की थी, उसे शिवराज सिंह चौहान सरकार ने रोक दिया है, 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने पर दोबारा किसान कर्ज माफी की जाएगी।

बैठक के बाद पूर्व मंत्री तरुण भनोट और प्रियव्रत सिंह ने संवाददाताओं को संबोधित किया। तरुण भनोट ने कहा कि कमलनाथ की अध्यक्षता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने 2 घंटे तक मंथन किया और 2023 विधानसभा चुनाव के रोडमैप को तैयार किया।

उन्होंने बताया कि कमलनाथ जी ने सभी प्रमुख वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा चुनाव की दृष्टि से उनके कार्य सौंप दिए हैं। बैठक में फैसला किया गया है कि सरकार बनने पर कांग्रेस पार्टी पुरानी पेंशन लागू करेगी। किसानों की कर्ज माफी की जाएगी।

श्री भनोट ने बताया बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति, किसान की आमदनी में लगातार हो रही कमी, प्रदेश में बिगड़ती बिजली की स्थिति, शिवराज सरकार में 30 लाख नए बेरोजगार पंजीकृत होना, प्रदेश में बढ़ता बिजली संकट और पेयजल संकट पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई।

श्री भनोट ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने बिजली उत्पादन कंपनियों के साथ जो एमओयू पर दस्तखत किए हैं  उनके तहत सरकार हर साल 4000 करोड रुपए इन कंपनियों को देती है। सरकारी खजाने से 4000 करोड रुपए का हर साल भुगतान करने के बावजूद यह कंपनियां मध्य प्रदेश को कोई बिजली नहीं दे रही है।

ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में बिजली का संकट गहराता जा रहा है। गांव तहसील स्तर पर बिजली की बड़े पैमाने पर कटौती हो रही है और यहां तक की राजधानी भोपाल भी अघोषित कटौती से बचा नहीं है। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि बिजली का संकट सिर्फ बिजली कटौती तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों को लाखों रुपए के बिजली के बिल थमा कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति,  पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

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