जब शरहद पर हमारी जरूरत होती है, हमारी छाती सबसे आगे होती है - अरुण यादव
भोपाल/
भोपाल के एमवीएम कॉलेज ग्राउंड में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर जनजागृति यात्रा के समापन अवसर पर पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया । इस कार्यक्रम में देश प्रदेश से आए हज़ारों अहिर यादव समाज के वरिष्ठ जन एवं युवा उपस्थित थे ।
समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अरुण यादव ने कहा कि अहीर रेजिमेंट बनी ही चाहिए अहीर रेजिमेंट हमारा हक है जब सरहद पर हमारी जरूरत होती है तो हमारी छाती सबसे आगे होती है उन्होंने आगे कहा कि देश की रक्षा के लिए अहीरों ने अपने प्राणों को न्यौछावर किया है और इस रेजिमेंट का गठन होना ही चाहिए इसके लिए हम हर स्तर पर लड़ाई भी लड़ रहे हैं और प्रयास भी कर रहे हैं जब तक अहिर रेजीमट की स्वीकृति नहीं मिल जाती हमारी लड़ाई नहीं रुकेगी । उन्होंने आगे कहा कि वर्षों से चली आ रही अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर आज हम सब यहां भोपाल में एकत्रित हुए हैं । यह हमारी सामाजिक एकता को प्रदर्शित करता है । हमें अपने नौजवानों और आने वाली पीढ़ी के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करना है और जो देश सेवा के लिए तत्पर है उनके लिए उचित मंच उपलब्ध कराना है । श्री यादव ने भोपाल में संगठित होकर रैली में सम्मिलित होने के लिए सभी समाजजनों का आभार भी व्यक्त किया ।
देश के लिए हमारे युवाओं ने अपने प्राणों का बलिदान दिया - सचिन यादव
अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर आज भोपाल में आयोजित सभा में प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री एवं कसरावद विधायक सचिन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए यादव ने अपना बलिदान दिया है जब जब देश पर संकट आया हमारे वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा कि हम उनके बलिदान को कभी भुला नहीं सकते । देश के कोने-कोने से आए हमारे युवा साथी एवं वरिष्ठ जन एक ही मांग कर रहे हैं कि अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाए और इसके लिए जो भी लड़ाई लड़नी होगी हम लड़ेंगे और जीतेंगे ।
यादवों का जीवन संघर्ष का पर्याय है - अरुण यादव
सभा को संबोधित करते हुए अरुण यादव ने कहा की हमारा तो जीवन ही संघर्ष है, सबको पता है यदुवंशियों का जीवन संघर्ष से भरपूर है पूर्ण है, जब जब कोई संघर्ष होता है तब हम भी लाठी डंडा लेकर निकलने को तैयार रहते हैं, अगर भैंस का दूध निकालना आता है हमको तो लाठी चलाना भी आता है, यह हमने कई बार करके भी दिखाया है ।
हम कहीं भी रहें, किसी भी राजनीतिक दल में रहें, लेकिन जब हमारे लोगों के हक़ की बात होगी उसके लिए जो भी करना होगा हम ज़रूर करेंगें ।
समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अरुण यादव ने कहा कि अहीर रेजिमेंट बनी ही चाहिए अहीर रेजिमेंट हमारा हक है जब सरहद पर हमारी जरूरत होती है तो हमारी छाती सबसे आगे होती है उन्होंने आगे कहा कि देश की रक्षा के लिए अहीरों ने अपने प्राणों को न्यौछावर किया है और इस रेजिमेंट का गठन होना ही चाहिए इसके लिए हम हर स्तर पर लड़ाई भी लड़ रहे हैं और प्रयास भी कर रहे हैं जब तक अहिर रेजीमट की स्वीकृति नहीं मिल जाती हमारी लड़ाई नहीं रुकेगी । उन्होंने आगे कहा कि वर्षों से चली आ रही अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर आज हम सब यहां भोपाल में एकत्रित हुए हैं । यह हमारी सामाजिक एकता को प्रदर्शित करता है । हमें अपने नौजवानों और आने वाली पीढ़ी के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करना है और जो देश सेवा के लिए तत्पर है उनके लिए उचित मंच उपलब्ध कराना है । श्री यादव ने भोपाल में संगठित होकर रैली में सम्मिलित होने के लिए सभी समाजजनों का आभार भी व्यक्त किया ।
देश के लिए हमारे युवाओं ने अपने प्राणों का बलिदान दिया - सचिन यादव
अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर आज भोपाल में आयोजित सभा में प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री एवं कसरावद विधायक सचिन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए यादव ने अपना बलिदान दिया है जब जब देश पर संकट आया हमारे वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा कि हम उनके बलिदान को कभी भुला नहीं सकते । देश के कोने-कोने से आए हमारे युवा साथी एवं वरिष्ठ जन एक ही मांग कर रहे हैं कि अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाए और इसके लिए जो भी लड़ाई लड़नी होगी हम लड़ेंगे और जीतेंगे ।
यादवों का जीवन संघर्ष का पर्याय है - अरुण यादव
सभा को संबोधित करते हुए अरुण यादव ने कहा की हमारा तो जीवन ही संघर्ष है, सबको पता है यदुवंशियों का जीवन संघर्ष से भरपूर है पूर्ण है, जब जब कोई संघर्ष होता है तब हम भी लाठी डंडा लेकर निकलने को तैयार रहते हैं, अगर भैंस का दूध निकालना आता है हमको तो लाठी चलाना भी आता है, यह हमने कई बार करके भी दिखाया है ।
हम कहीं भी रहें, किसी भी राजनीतिक दल में रहें, लेकिन जब हमारे लोगों के हक़ की बात होगी उसके लिए जो भी करना होगा हम ज़रूर करेंगें ।
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