*आईफ्लू दे रहा आंखों का दर्द, 50 फीसद बढ़ी दवा की बिक्री लगातार बढ़ रहे मरीज
डाक्टर की सलाह, भीड़ भाड़ में जाने से बचें आंखों के मरीज से दूर रहें ,,,
एक दूसरे से फैलती है बीमारी ,
*मौसमी बीमारियां आंख, नाक, कान, गला और यहां तक की गर्भ में पल रहे शिशु तक को प्रभावित कर रही है।
गंजबासौदा,/हरीश भावसार
पूरे जिले में बढ़ रहे मरीज
मौसमी बीमारियां आंख, नाक, कान, गला और यहां तक की गर्भ में पल रहे शिशु तक को प्रभावित कर रही है। इस समय सर्वाधिक परेशानी आंखों को हो रही है। क्योंकि बारिश न होने से आईफ्लू की बीमारी तेजी से फैल रही है। यह स्थिति 6 साल बाद देखने को मिली है। जिसके कारण बाजार में आई-ड्रोप की बिक्री भी 50 फीसद बढ़ चुकी है। यह बीमारी एक से दूसरे तक फैलने वाली है, जिसमें लोग एक दूसरे के संपर्क में आने से बीमार हो रहे हैं। बारिश न होने से उमस भरी गर्मी से लोग पसीना-पसीना हो रहे हैं, जो डिहाइड्रेशन का कारण बन रही है। हालात यह है कि हर घर में किसी न किसी बीमारी से पीड़ित मरीज है।
*आईफ्लू के लक्षण*
एक्सपर्ट बताते हैं कि जब भी बारिश के मौसम में लंबे समय के लिए बारिश न हो तो बीमारियां तेजी से बढ़ती है। क्योंकि इस मौसम में हवा में आद्रता होती है और सूर्य की रोशनी आने से गर्मी पैदा होती है। यह मौसम बैक्टीरिया और वायरल इन्फेक्शन फैलने का सबसे उचित समय माना जाता है। क्योंकि ऐसे मौसम में वातावरण का तापमान 30 से 40 डिग्री के बीच रहता है। बारिश न होने से आंखों का वायरल संक्रमण तेजी से बढ़ता है। जिसमें आंख लाल हो जाती है, आखों में सूजन आती और पानी बहता है। इसके साथ ही आंखों में खुजली की समस्या अधिक होती है।
*50 फीसद बढ़ी दवा की बिक्री*
आईफ्लू फैलने से 6 साल बाद आंखों की दवा की बिक्री 50 फीसद बढ़ी है। बाजार में आई ड्रोप की बिक्री तेजी से बढ़ गई है। जैसे टीमोलोल मेलीट, आफलोक्सिन एंड डेक्सामेथासोन, सिप्रोफ्लोक्सिन एंड डेक्सामेथासोन, मोक्सी फ्लोक्सिन एंड डेक्सामेथासोन आदि आई ड्रोप की बिक्री तेजी से बढ़ी है। पिछले कुछ सालों से आईफ्लू का प्रकोप इतनी मात्रा में देखने को नहीं मिल रहा था जिस कारण से आईड्रोप की बिक्री भी कम थी।
डाक्टर ने दी सलाह
भीड़ वाले इलाकों से रहें दूर ,
-गंदे हाथ व कपड़े से आंख साफ न करें।
-थोड़े-थोड़े समय पर अपने हाथों की सफाई करें।
-आंखों को बार-बार न छुएं।
-अपने आसपास सफाई रखें।
-अपनी आंखों को समय-समय पर धोएं।
-अगर बाहर जाना ज्यादा जरूरी है तो काला चश्मा पहन कर जाएं।
-पीड़ित व्यक्ति से आई कांटेक्ट बनाने से बचें।
-संक्रमित व्यक्त के बेड, तौलिया या कपड़े इस्तेमाल न करें।
-टीवी-मोबाइल से दूरी बनाए रखें।
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