*क्षैत्र में बढ़ रही है कुपोषित बच्चो की संख्या, कांग्रेस पार्टी ने सौपा ज्ञापन
गंजबासौदा,
राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के पोषण पुनर्वास केंद्रों और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन आने वाली आंगनवाड़ियों के माध्यम से कुपोषण मिटाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन कुपोषित बच्चों को इसका लाभ मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश आंगनवाड़ियों में 5 साल तक के बच्चों की उपस्थिति काफी कम रहती है। वही कई केंद्रों पर नियमित पोषण आहार का वितरण तक नहीं हो पाता है। पिछले महीनों से अभी तक आसपास के कई ग्रामो के दर्जनों कुपोषित बच्चे अस्पताल तक पहुचे है। इसी तरह की विभिन्न समस्याओं को लेकर आज पूर्व विधायक निशंक कुमार जैन के नेतृत्व में काँग्रेस पार्टी ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन में बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कुपोषण के खिलाफ कई योजनाए चलाई जा रही है लेकिन धरातल पर योजनाओं की स्थिति चिन्ताजनक हैं।
गंज बासौदा, त्यौंदा ग्यारसपुर तहसील के ग्रामों में कुपोषण के मरीजों की संख्या दिनप्रतिदिन बढती जा रही हैं।
पिछले छ: माह में करीब सौ से अधिक कुपोषित बच्चे शासकीय जनचिकित्सालय में भर्ती किये गये हैं।
जिसमें बासौदा क्षैत्र के कुपोषित बच्चों की संख्या अधिक है। चिकित्सालय में अभी भी दर्जन कुपोषित बच्चे उपचार की आस में भर्ती है।
कुपोषित बच्चो को पोषण आहार में सरकारी मानदण्डों के अनुरूप पोषण आहार व दवाएं नही दी जा रही हैं।
वही गंज बासौदा, त्यौंदा ग्यारसपुर, हैदरगढ के अस्पतालो में स्टाफ एवं पैरामेडिकल स्टाफ के पद रिक्त पड़े हैं। जिस कारण ओपीड़ी के मरीजों जा भी समय पर उपचार नही हो पा रहा हैं।
ज्ञापन में बताया गया है कि पिछले दिनों नगर में रात्रि के समय हुई भारी बारिश के कारण निचली वस्तियों में जल भराव के कारण रहवासियों के दैनिक उपयोगी वस्तुओं का नुकसान हुआ व पानी का बहाब अधिक होने से वाहन इत्यादि भी नालियों में बह गये थे। जिसमें नागरिकों को काफ़ी आर्थिक नुकसान हो गया था। जिसका प्रशासन द्वारा सर्वे कराकर मुआवजा राशि प्रदान की जावें।
वही कई ग्रामो में ट्रांसफार्मर जले पडे है जिससे गाँव मे अंधेरा पसरा है, क्योकि वही केंद्र सरकार ने पिछले कई बर्षो से केरोसिन की आपूर्ति पूरी तरह से बन्द कर दी है। जिससे गांव के गरीब अंधेरे में रहने को मजबूर है
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