*गन्ने की फसल में आग लगने से लाखों का नुकसान*
*फसल की बर्बादी देख रोता बिलखता रहा किसान*
फसल बीमा योजना में शामिल नहीं है गन्ना, मुआवजे की अपेक्षा
नरसिंहपुर --संदीप राजपूत
गन्ने की
खड़ी फसल में आग लगने से लाखों का नुकसान हो गया। फसल की बर्बादी देख किसान काफी देर तक रोता बिलखता रहा। आसपास के किसानों ने आकर उसे सभाला।
आग लगने का मुख्य कारण बिजली के तारों की स्पार्किंग मानी जा रही है। किसानों के अनुसार प्रतिवर्ष बिजली के तारों की स्पार्किंग के कारण फसलों में आग लगती है।
नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम चौराखेड़ा 24 अक्टूबर लगभग 2 बजे दिन में विजली का इलेवन के:बी : लाइन का पुराना तार खम्बे से टूटा जिससे स्पार्किंग से आग गन्ना फसल में लग गई। आग लगने से कृषक रामसेवक पटेल के 12 एकड़ खेत के सिकमीदार त्रिलोक लोधी की तैयार पकी गन्ना फसल लगभग सात लाख रुपये तबाह हो गई । किसानों ने बताया कि तार ढीला होने व खम्बे से तार कमजोर व खराब होने की सूचना बिजली विभाग को अनेक बार मौखिक व फोन दी गई थी। लेकिन कोई सुनवाई सुधार नहीं हुआ? और परिणाम यह हुआ कि आग लगने से फसल बर्बाद हो गई । जिससे खेत में किसान रोता विलखता रहा। आग को बमुश्किल काबू किया गया । आस पास के किसानों ने उनके ट्रेक्टरों पानी के पम्पों द्वारा आग पर काबू पाया । फायर व्रिगेड लेट लतीफ पहुँची । किसान के गन्ने फसल में रखे सिंचाई के प्लास्टिक पाइप नोजल भी आग में स्वाहा हो गए । गन्ना की एक फसल लगभग बारह से चौदह माह में पककर तैयार होती है । गन्ना फसल प्रति एकड़ प्रारंभिक लागत ट्रेक्टर खाद बीज सिंचाई सहित तीस हजार रुपये होती है। मेहनत निंदाई गुड़ाई रखवाली अलग है जो किसान का पूरा परिवार साल भर बारह माह करता रहता है। उल्लेखनीय की गन्ना फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल नहीं है जबकि इस फसल को इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए।
सभी किसान भाईयों से अपील है कि गन्ना फसलों के आस पास के बिजली तारों की देख रेख स्वयं करें तथा ढीले तारों की बिजली विभाग में लिखित या रजिस्टर पर टीप अँकित करते हुए दें॥
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें