डॉ. मोहन यादव को लिखा पत्र
आदरणीय मुख्यमंत्री जी,
मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना को लेकर फिर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु आपके संज्ञान में ला रहा हूं. मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि शुरू में एक करोड़ 32 लाख महिलाओं को प्रतिमाह आर्थिक लाभ दिया जा रहा था. बाद में नियमों का हवाला देकर करीब 2 लाख से अधिक महिलाओं को लाभार्थियों की सूची से हटा दिया गया. यही वजह है कि वर्तमान में लगभग 1.29 करोड़ महिलाएं लाभार्थी हैं.
मेरा मानना है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं सभी वर्ग और जनता के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर ही तैयार की जाती हैं. इस हिसाब से यदि एक साल में दो लाख महिलाएं अपात्र श्रेणी में आई हैं, तो लाभार्थियों की सूची में आने वाली नई बहनों की संख्या भी लाखों में ही होगी.
क्या सरकार ने इस तरह की कोई सूची तैयार की है, जो यह स्पष्ट कर सके कि 5 मार्च 2023 बाद से 15 जून 2024 के बीच ऐसी कितनी महिलाएं हैं, जो 21 वर्ष की आयु पार कर चुकी हैं. मध्य प्रदेश में इनकी भौगोलिक उपस्थित कहां है? ग्रामीण और शहरी महिलाओं का अनुपात कितना है? इनके चयन की प्रक्रिया कैसे शुरू होगी? विभागीय जिम्मेदारी की निगरानी कौन और कैसे करेगा?
मेरा सुझाव है कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार लाना और उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाना - सरकार का ईमानदार लक्ष्य होना ही चाहिए और इसका क्रियान्वयन भी पूरी ईमानदारी से ही होना चाहिए.
इस संदर्भ को ध्यान में रखते हुए मैं पुनः अनुरोध कर रहा हूं कि मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनों से विधानसभा चुनाव में किया गया वादा भी सरकार तत्काल पूरा करें और उन्हें प्रतिमाह ₹3000 की राशि का भुगतान करे.
मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना योजना को लेकर फिर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु आपके संज्ञान में ला रहा हूं. मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि शुरू में एक करोड़ 32 लाख महिलाओं को प्रतिमाह आर्थिक लाभ दिया जा रहा था. बाद में नियमों का हवाला देकर करीब 2 लाख से अधिक महिलाओं को लाभार्थियों की सूची से हटा दिया गया. यही वजह है कि वर्तमान में लगभग 1.29 करोड़ महिलाएं लाभार्थी हैं.
मेरा मानना है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं सभी वर्ग और जनता के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर ही तैयार की जाती हैं. इस हिसाब से यदि एक साल में दो लाख महिलाएं अपात्र श्रेणी में आई हैं, तो लाभार्थियों की सूची में आने वाली नई बहनों की संख्या भी लाखों में ही होगी.
क्या सरकार ने इस तरह की कोई सूची तैयार की है, जो यह स्पष्ट कर सके कि 5 मार्च 2023 बाद से 15 जून 2024 के बीच ऐसी कितनी महिलाएं हैं, जो 21 वर्ष की आयु पार कर चुकी हैं. मध्य प्रदेश में इनकी भौगोलिक उपस्थित कहां है? ग्रामीण और शहरी महिलाओं का अनुपात कितना है? इनके चयन की प्रक्रिया कैसे शुरू होगी? विभागीय जिम्मेदारी की निगरानी कौन और कैसे करेगा?
मेरा सुझाव है कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार लाना और उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाना - सरकार का ईमानदार लक्ष्य होना ही चाहिए और इसका क्रियान्वयन भी पूरी ईमानदारी से ही होना चाहिए.
इस संदर्भ को ध्यान में रखते हुए मैं पुनः अनुरोध कर रहा हूं कि मध्य प्रदेश की लाड़ली बहनों से विधानसभा चुनाव में किया गया वादा भी सरकार तत्काल पूरा करें और उन्हें प्रतिमाह ₹3000 की राशि का भुगतान करे.
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