वेदान्त आश्रम, गजबासौदा को
जिला बनाने बोले महंत जी
गंजबासौदा ,
स्वामी डॉ. रामकमल दास वेदान्ती महाराज ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि में श्री हनुमत कथा के साथ-साथ महाकुंभ प्रयाग के लिए अपने समस्त क्षेत्रवासियों को आमंत्रित करने आया है। वैदिक मनातम धर्म का सर्वोच्च महोत्सव महाकुंभ मानवता को परस्पर एकजुट करता है। महाकुंभ के माध्यम से विश्व को समुद्र मंथन में देवता और दैत्यों से जुड़ी प्रेरणाएं मिलती हैं, जैसे अमृत कलश की प्राप्ति।
देश के जिन प्रमुख स्थलों पर वह अमृत कलश रखा गया. वे स्थान केवल भारत ही नहीं, बल्कि समूचे ब्रह्माड के पवित्रतम तीर्थ स्थल बन गए। महाकुंभ ऐसा अवसर है, जिसमें गुफाओं में तपस्यारत संतों के दर्शन, पुण्य प्राप्ति के लिए संगम में स्नान, और समर्पण भाव से
जीवन को बन्य बनाने का अवसर मिलता है। प्रत्येक सनातनी को अपने सारे कार्य छोड़कर इस अवसर पर कुभ में अवश्य जाना चाहिए। महाकुम ने पूरे भारत को एकता के सूत्र में बाँध रखा है। यह सभी प्रकार के भेदभावों को समाप्त कर केवल श्रेष्ठ मनुष्य बनने की प्रेरणा देता है। जाति-पाति के भेद से हमारे धर्म और देश की गरिमा को बहुत हानि हुई है। इसी कारण हमारा धर्म और देश दोनों अस्तित्व बनाए रखने के सघर्ष में हैं।
जीवन को बन्य बनाने का अवसर मिलता है। प्रत्येक सनातनी को अपने सारे कार्य छोड़कर इस अवसर पर कुभ में अवश्य जाना चाहिए। महाकुम ने पूरे भारत को एकता के सूत्र में बाँध रखा है। यह सभी प्रकार के भेदभावों को समाप्त कर केवल श्रेष्ठ मनुष्य बनने की प्रेरणा देता है। जाति-पाति के भेद से हमारे धर्म और देश की गरिमा को बहुत हानि हुई है। इसी कारण हमारा धर्म और देश दोनों अस्तित्व बनाए रखने के सघर्ष में हैं।
महाकुंभ में सभी जाति-पाति को भूलकर एक साथ भोजन करते हैं। कोई किसी की जाति नहीं पूछता। यह एकता और समरसता की सबसे बड़ी प्रेरणा प्रदान करता है। महाकुंभ में समूचे विश्व के लोग आने की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए हमें भी इस दुर्लभ अवसर को छोड़ना नहीं चाहिए।
स्वामी श्री वेदान्ती जी ने बताया कि हमारे शिविर "भक्ति वेदान्त नगर" का भूमि पूजन ही चुका है। यह शिविर त्रिवेणी संगम के निकट, वैष्णय और संन्यासी अखाड़ों के पास स्थापित होगा। यहाँ पूरे महीने विभिन्न अनुष्ठान होंगे।
अनुष्तान विवरणः
श्रीराम कथा, सुकृति के शास्त्र प्रवचन
महायज्ञ, रासलीला, रामलीला, संत भंडारा
24 घंटे उपलब्ध चिकित्सा सेवा
प्रतिदिन भोजन एवं रात्रि विश्राम का प्रबंध
प्रथम शाही खानः मकर संक्रांति, 14 जनवरी
द्वितीय शाही खानः मौनी अमावस्या, 29 जनवरी
तृतीय शाही खानः वसंत पंचमी, 2 फरवरी
अंतिम शाही खानः माघ पूर्णिमा, 12 फरवरी
सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि शिविर में आने से पहले आधार कार्ड एवं शिविर परिचय पत्र साथ में लाए। महंत श्री हरिहर दास जी माघ मास में शिविर में उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन 12 जनवरी से 12 फरवरी तक चलेगा।
नोटः महाकुभ जैसे पवित्र पर्व में सम्मिलित होकर जीवन को सार्थक बनाएं।
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