*सेवानिवृत्त अधिकारियों से पहली बार औपचारिक बैठक, अनुभवों और सुझावों का हुआ आदान-प्रदान
भोपाल,
जनसंपर्क विभाग में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा। विभाग के आयुक्त श्री दीपक सक्सेना ने आज एक अनोखी पहल करते हुए विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ औपचारिक बैठक की।
यह पहली बार था जब किसी आयुक्त ने जनसंपर्क विभाग में सेवा दे चुके वरिष्ठ और सेवानिवृत्त अधिकारियों को आमंत्रित कर उनसे विभाग की कार्यप्रणाली, अनुभवों और सुधार के सुझावों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक का माहौल आत्मीयता और सम्मान से भरा रहा। सभी पूर्व अधिकारियों ने विभाग के शुरुआती दौर से लेकर आज के आधुनिक डिजिटल युग तक की यात्रा पर अपने अनुभव साझा किए। सक्सेना ने कहा कि –
> “जनसंपर्क विभाग केवल शासन की नीतियों का प्रवक्ता नहीं, बल्कि जनता से संवाद का सेतु है। हमारे पूर्व अधिकारी इस संवाद की बुनियाद हैं, जिनके अनुभव हमें दिशा देते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि विभागीय कामकाज में समय-समय पर सुधार और नवीनता लाने के लिए अनुभवी अधिकारियों के सुझावों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारी विभाग की अमूल्य धरोहर हैं और उनके अनुभव नई पीढ़ी के अधिकारियों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस पहल की मुक्त कंठ से सराहना की। उनका कहना था कि यह पहली बार हुआ जब किसी आयुक्त ने पुराने अधिकारियों को याद कर संवाद की यह परंपरा शुरू की।
पूर्व जनसंपर्क अधिकारियों ने बताया कि इस विभाग ने दशकों से प्रदेश के विकास कार्यों, योजनाओं और नीतियों को जनता तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन समय के साथ इसके स्वरूप में बड़ा बदलाव आया है।
डिजिटल माध्यमों, सोशल मीडिया और नई तकनीकों के दौर में जनसंपर्क की जिम्मेदारियाँ भी बढ़ी हैं। ऐसे में अनुभव और नवाचार का संतुलन बनाए रखना समय की मांग है।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि विभाग को भविष्य में किस तरह अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है, कैसे मीडिया और जनता के बीच भरोसेमंद संचार को और सशक्त किया जाए।
आयुक्त सक्सेना ने कहा कि विभाग का प्रयास रहेगा कि आने वाले समय में ऐसे संवाद कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएँ, ताकि वर्तमान अधिकारी, कर्मचारी और सेवानिवृत्त अधिकारी एक साझा मंच पर विचार-विमर्श कर सकें। उन्होंने बताया कि जल्द ही “जनसंपर्क परिवार संवाद श्रृंखला” नाम से एक नियमित कार्यक्रम शुरू करने की योजना भी बनाई जा रही है।
बैठक के अंत में सभी सेवानिवृत्त अधिकारियों का सम्मान भी किया गया।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अधिकारियों ने इस पहल को विभाग के इतिहास में “संवेदना और संवाद का अध्याय” बताया और आयुक्त की दूरदर्शी सोच की प्रशंसा की।
इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व जनसंपर्क अधिकारीगण और मीडिया से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन जनसंपर्क उपसंचालक द्वारा दिया गया।
जनसंपर्क विभाग की इस पहल ने यह संदेश दिया है कि शासन-प्रशासन केवल नीतियों का ढांचा नहीं, बल्कि संवेदनशील संवाद की परंपरा भी है। जनसंपर्क के इतिहास में यह पहल एक उदाहरण के रूप में दर्ज की जाएगी जहाँ अनुभव, आदर और संवाद तीनों ने मिलकर एक नई दिशा दिखाई।
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