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सोमवार, 14 अगस्त 2023

मां की बगिया ,जिले का शासकीय विद्यालय की साफ स्वच्छ परिसर और हरे भरे फलदाई वृक्ष अनुशासन


मां की बगिया शासकीय माध्यमिक शाला सिरावली की कहानी
विद्यालय में हरितमय वातावरण, स्वादिष्ट व्यंजनों का भोजन और साफ स्वच्छ माहौल
विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों की उपस्थिति शत प्रतिशत

विदिशा, 
    विदिशा जिले के कुरवाई विकासखंड अंतर्गत आने वाले शासकीय माध्यमिक शाला सिरावाली (मां की बगिया) शासकीय विद्यालय की साफ स्वच्छ परिसर और हरे भरे फलदाई वृक्ष देखते ही बनते हैं। इस विद्यालय परिसर में पर्यावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 40 से अधिक फलदार पौधे लगाए गए हैं साथ ही विभिन्न प्रजातियों की सब्जियां भी इस विद्यालय के गार्डन में लगाए गए हैं जिसकी सब्जियों से विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भोजन कराया जाता है। जबकि पूर्व में यहां की जमीन पथरीली और बंजर थी लेकिन जनप्रतिनिधियों, ग्रामीण जनों, जन भागीदारी समिति और पालकों के सहयोग से जमीन को उपजाऊ बनाया गया है। आज इस विद्यालय की कहानी बहुत कुछ बयां कर रही है विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतरीन शिक्षा शिक्षकों द्वारा प्रदान की जा रही है इस विद्यालय में विद्यार्थियों का परिणाम प्रतिशत भी शत प्रतिशत होता है। साथ ही विद्यार्थी नियमित विद्यालय में अध्ययन करने आते हैं।
रसोइयों के द्वारा एप्रोन पहनकर विद्यार्थियों को परोसा जाता है भोजन-
    इस विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना तहत बकायदा डाइनिंग हॉल की व्यवस्था की गई है जिसमें बच्चे आराम से बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं। विद्यालय द्वारा पीएम पोषण किचन गार्डन को तैयार किया गया है जहां पर बच्चों को मीनू के अनुसार हरी सब्जी उपलब्ध कराई जाती हैं। साथ ही किचन डाइनिंग हॉल स्वच्छता रसोइयों की अपनी एक ड्रेस और एप्रोन पहनकर भोजन बनाना परोसना अपने आप में एक अनोखा कार्य है। जिसके लिए विद्यालय को पीएम पोषण प्रतियोगिता के तहत जिले में उत्कृष्ट स्वच्छता हेतु किचन को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। विद्यालय में विद्यार्थियों को समय समय पर जनप्रतिनिधियों, ग्रामीण जनों के द्वारा विशेष अवसरों पर तिथि भोज भी कराया जाता है जिसमें विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का रसास्वादन कराया जाता है।

विद्यालय में सुनिश्चित की गई व्यवस्थाओं की हो रही प्रशंसा-
    मां की बगिया शासकीय माध्यमिक शाला सिरावाली में विद्यार्थियों की उपस्थित शत प्रतिशत होती है इस विद्यालय में 100 से अधिक विद्यार्थी अध्यनरत हैं। शिक्षकों द्वारा दिए जा रहे उचित मार्गदर्शन और ठीक ढंग से अध्ययन कराने से आज विद्यार्थियों में खुशी की लहर है उनके पालक भी उतना ही खुश हैं कि उनके बच्चे शासकीय स्कूल में बेहतर ढंग से अध्ययन कर रहे हैं। नियमित स्कूल जाना और अध्ययन करना ही विद्यार्थियों की दिनचर्या में शामिल हो गया है। इस विद्यालय के बच्चों को 200 तक के पहाड़े कंठस्थ याद है और परीक्षा परिणाम भी शत प्रतिशत रहता है। चहुंओर विद्यालय में क्रियान्वित कार्यों की प्रशंसा हो रही है। विद्यार्थी नियमित विद्यालय में उपस्थित रहकर अध्ययन करते हैं और यहां का परिणाम भी शत प्रतिशत होता है जनसहयोग से इस विद्यालय में बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।

पर्यावरण को बढ़ावा देने की गई अभिनव पहल, पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था भी-
   मां की बगिया में पर्यावरण को बढ़ाने के लिए एक अभिनव पहल की गई है तरह-तरह के पौधों को रोपा गया है जिनकी सुरक्षा प्रतिदिन की जाती है पौधों को पानी दिया जाता है साथ ही जनप्रतिनिधियों ग्रामीण जनों और शिक्षकों व विद्यार्थियों के द्वारा पौधों का जन्मदिन भी मनाया जाता है। विद्यालय परिसर के गार्डन में गाजर, मूली, भुट्टे समेत सीजन में हर तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं जो विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जाती हैं।
    इसके साथ ही भीषण गर्मी में पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था की जाती है मां की बगिया शासकीय माध्यमिक विद्यालय सिरावाली में सुंदर वातावरण नजर आता है। विद्यालय में किए गए प्रयासों का परिणाम भी नजर आने लगा है सिरावाली स्कूल प्रदेश में प्रथम एवं स्वच्छता में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित भी हुआ है।

पुरस्कार स्वरूप मिली विशेष राशि-
   प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के जिला प्रभारी श्रीमती कीर्ति चौहान ने बताया कि ऐसे ही उत्कृष्ट कार्य के लिए विद्यालय को जिला पंचायत के माध्यम से पुरस्कृत एवं सहयोगात्मक कार्य के लिए विशेष पचास हजार रुपये की राशि भी पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई। स्वयं सहायता समूह के सहयोग से मीनू के अलावा भी बच्चों को समय-समय पर कुछ नए व्यंजन भी स्वाद अनुसार बच्चों को दिए जाते हैं जो उनके शारीरिक और मानसिक उन्नति के लिए उपयोगी होते हैं इन सब में समाजसेवी, ग्रामीण जन पालकों का विशेष सहयोग 

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