अन्नदाता अधिकार रैली व वल्लभ भवन का घेराव करने प्रदेश से पंहुचे हजारों किसान
राजधानी भोपाल आकर किसानों ने भरी हुंकार
*प्रशासन को खरी खोटी सुना, सरकार के समाने रखी अपनी मांगे*
वल्लभ भवन कूच की तैयारी
भोपाल 5 फरवरी- ‘‘सस्ती बिजली, खाद और पानी, मांग रही है आज किसान‘‘ और ‘‘हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते‘‘ के नारों का उद्घोश करते प्रदेश के हजारों किसान राजधानी भोपाल पंहुच गये हैं। भारतीय किसान संघ मध्यभारत प्रांत के नेतृत्व में शिवाजी नगर स्थित किसान संघ के प्रदेश कार्यालय के सामने किसानों का प्रदर्षन जारी है। मध्यभारत प्रांत के 16 जिलों से आये किसान अपनी
समस्याओं व मांगों को मंच से सरकार व प्रशासन के समक्ष रख रहे हैं। किसानों ने गुस्सा जाहिर करते हुये कहा कि जिला स्तर पर प्रषासनिक व्यवस्था में व्याप्त भृष्टाचार से किसान परेशान हो गया है। समस्याओं व मांगों के अनेक ज्ञापन देने के बावजूद भी कहीं कोई सुनवाई नहीं है। इसलिये मजबूरीवश किसानों को सरकार व प्रशासन से सीधा संवाद करने राजधानी भोपाल की सड़कों पर आकर अन्नदाता अधिकार रैली व वल्लभ भवन का घेराव कर प्रदर्षन करना पड़ रहा है।
प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने बताया कि किसान पटवारी से लेकर जिला प्रशासन तक की प्रशासनिक कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है। इसलिये किसान संघ के नेतृत्व में भोपाल आकर किसान अपनी दस सूत्रीय मांगे व जिलों की अन्य समस्याओं के समाधान की मांग सरकार के समक्ष रख रहा है। किसानों के इस प्रदर्षन में प्रदेशभर के किसानों के साथ अखिल भारतीय कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस वासोतिया, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटैल, क्षेत्र संगठन मंत्री महेश चौधरी, प्रांत संगठन मंत्री मनीष शर्मा, प्रदेश मंत्री जगराम सिंह, प्रांत महामंत्री शिवनंदन सिंह, कैलाश ठाकुर, पवन शर्मा, प्रचार प्रमुख राहुल धूत के साथ प्रदेश, प्रांत व जिलों के किसान संघ पदाधिकारी शामिल हैं।
*ये हैं प्रदर्शन न कर रहे किसानों की प्रमुख मांगे*
1. फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, ऑनलाइन रिकॉर्ड व नक्शा सुधारा जाए।
2. हॉर्स पावर क्षमता वृद्धि वापिस ली जाये, जले ट्रांसफार्मर व लाइनें समय सीमा में बदली जाए।
3. डीएपी, यूरिया खाद सहकारिता के माध्यम से नगद वितरण समय पर किया जाए।
4. सभी मंडियों में फ्लेट कांटो से तुलाई अनिवार्य की जाए। मंडी परिसर में ही भुगतान हो।
5. नकली दूध बनाने वालो पर सख्त कार्रवाई हो, गौ अभयारण्य खोले जाएं।
6. प्रस्तावित व स्वीकृत नहरों के कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाएं।
7. सभी फसलों को एमएसपी से नीचे नहीं खरीदा जाए।
8. किसानों के झूठे प्रकरण वापिस हों।
9. पूसा बासमती धान को जीआई टैग दिलाया जाए।
10. धान 3100 रुपए व गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाए।
*हजारों गावों से आये किसान*
मध्यभारत प्रांत के हजारों गावों से रात से ही किसानों का आना शुरू हो गया था। समाचार लिखे जाने तक भरी संख्या में किसानों का आना जारी था। दूर दूर गांवों से किसान अपने साधन वाहन से राजधानी पहुंच रहे हैं।
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